आत्मविश्वास संजीवनी है अति आत्मविश्वास घातक - प्रो० नेहा शर्मा चौधरी

- जहां आत्मविश्वास है वहीं विजय है।
- जीवन के प्रत्येक पहलू में आत्मविश्वास प्रासंगिक है।
- उत्तम जीवन स्तर एवं सुरक्षा में आत्मविश्वास बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
- विद्यार्थियों को एक सफल नागरिक बनाने में बूटी के रूप में उपयोगी है आत्मविश्वास।
जीवन में आत्मविश्वास का बड़ा ही महत्व है। आत्मविश्वास से लबरेज़ व्यक्ति कठिन से से कठिन चुनौतियों का बड़ी आसानी से सामना कर लेता है और सफल हो जाता है। वहीं दूसरी ओर अति-आत्मविश्वासी अपना सर्वस्व लुटा देता है और असफल हो जाता है। जीवन के प्रत्येक स्तर पर, स्तर के अनुरूप आत्मविश्वास पाया जाता है। बचपन और विद्यार्थी जीवन में कहानियों से लेकर पढ़ाई, खेलकूद एवं मनोरंजन आदि के द्वारा उम्र के साथ धीरे-धीरे आत्मविश्वास बढ़ना प्रारंभ होता है। जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों एवं उठा-पटक एवं संघर्षों से आत्मविश्वास प्रबल होता जाता है। देखा यह जाता है कि कक्षा में अधिक अच्छे परीक्षा परिणाम वाले विद्यार्थियों की अपेक्षा कम अंक वाले विद्यार्थियों का आत्मविश्वास कमजोर रहता है।अर्थात् जीत के आभास से भी आत्मविश्वास और बढ़ जाता है। हम क्रिकेट में भी देखके हैं कि यदि किसी टीम का प्रारंभिक क्रम आत्मविश्वास के साथ अच्छा खेलता है कि पीछे के बल्लेबाज़ और यहाँ तक की गेंदबाज़ भी अच्छा खेल जाते हैं। इसके विपरीत अति-आत्मविश्वास के कारण कई बार अच्छे से अच्छा बैट्समैन भी पहली गेंद पर आउट हो जाता है और उसके पीछे वाला बल्लेबाज़ भी अति आत्मविश्वास के कारण चलता बनता है या फिर डर के कारण आत्मविश्वास खो बैठता है और आऊट हो जाता है। अत: जीवन के प्रत्येक पहलू में आत्मविश्वास जीवन की डगर तय करता है, जीत के भाव के साथ निडर होकर। कई बार यह भी देखा गया है कि एक अच्छे मार्क्स से पास होने वाला विद्यार्थी भी अतिआत्मविश्वास के कारण परीक्षा परिणाम में पिछड़ जाता है और कोई दूसरा आत्मविश्वासी बाज़ी मार ले जाता है।
आत्मविश्वास को प्रबल बनाने में माता-पिता, शिक्षक, मित्र, सहयोगी, सहकर्मियों आदि की महती भूमिका होती है। हमारे आस-पास का सकारात्मक परिवेश भी हमें आत्मविश्वासी बनाता है।जब नेतृत्व करने वाला व्यक्ति आत्मविश्वास से लबरेज़ रहेगा तो ही संगठन या संस्थान प्रगति कर सक पायेंगे। जीवन में समृद्धि एवं सुरक्षा के लिये आत्मविश्वास का होना नितांत आवश्यक है। विद्यार्थियों के लिये परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिये भी आत्मविश्वास का होना आवश्यक है। खेलकूद या साहित्यिक प्रतियोगिताओं में भी विजयी होने के लिये भी आत्मविश्वास का होना आवश्यक है। अर्थात् आत्मविश्वास जीवन की संजीवनी है।यह एक विद्यार्थी से लेकर नौकरी,पेशा,व्यापार करने वाले व्यक्ति तक के लिये भी उतना ही आवश्यक है। जहां आत्मविश्वास है वहां विजय है।
(लेखक प्रो० नेहा शर्मा चौधरी, मॉडर्न ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट्स, इंदौर में प्राध्यापिका एवं एडमिशन इंचार्ज की भूमिका में कार्यरत हैं।)

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