कोरोना फैली महामारी, अपने प्रान बचाने है। -रचना- के. एम. नायक "शिक्षक" महोबा(उ.प्र.)

कोरोना फैली महामारी, अपने प्रान बचाने है। टीकाकरण कराने है।। (१) एनम दीदी टीका लगा रईं। आशा दीदी घर घर जा रईं।। भैया बेनन खां समझा रईं।।। सबखां लगने कोऊ न रै जै, जड़ सें इये मिटाने है....... टीकाकरण कराने है...... (२) लगवा आये दद्दा बाई। बड्डे भैया और भौजाई।। हल्की कक्को दम बंधवाई।।। ग्राम प्रधान जू कै रये सबसें, मौका नहीं गंवाने है........ टीकाकरण कराने है........ (३) चलो कैंप में संगे सइयाँ। लगवाकें आ गव हलकइयाँ।। भड़काबे में आने नइयाँ।।। नायक बात साब समझा गए, तनकउ नहीं डराने है...... टीकाकरण कराने है......... कोरोना फैली महामारी, अपने प्रान बचाने है..... टीकाकरण..... ********* रचना- के. एम. नायक "शिक्षक" महोबा(उ.प्र.)

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