देश में बबूल गुलमोहर लिफ्टस के पौधे लगवाने शुरू किए देश में जिनके फूलों से इंसान दमा का मरीज़ बनता है

हमारे देश में 19 80 के दौरान ही देश में साज़िश का परिचालन शुरू हो गया था विदेशियों एवं दवा व्यापारियों को पता था भारत की जनता रशियन घोड़ा है यह जल्दी क़ाबू में नहीं आ सकती है कुछ जाल भारत में बिछाने पड़ेंगे जब तक भारत की जनता बीमार . लाचार भुखमरी के कगार पे नहीं होगी तब तक वह पे क़ाबू में नहीं आएगी और नेताओं को भी लगा कि जनता को क़ाबू करने में एक ही तरीक़ा है देश में बबूल गुलमोहर लिफ्टस के पौधे लगवाने शुरू किए देश में जिनके फूलों से इंसान दमा का मरीज़ बनता है उदहारण के तौर पर सबसे ज्यादा दमा के मरीज़ मध्य प्रदेश में और दिल्ली में ही राय सेन में दिल्ली से तापमान 10% कम रहता है जहां पर पीपल बरगद और नीम के पेड़ जायदा लगे हैं कमज़ोर करने के लिए कोको कोला कंपनी लाये जिन पौधों से पीपल .बरगद .पाकड .व नीम से ज़्यादा आक्सीजन मिलता था वह देश धीरे धीरे लुप्त हो गए और सरकार ध्यान नहीं दिया और आज देश में आक्सीजन को लेकर स्थिति ख़राब है विश्व और दवा व्यापारी इस समय देश में चाँदी काट रहे है इस साज़िश से केंद्र सरकार को बचाना चाहिए और जिन पौधों से सबसे अच्छा आक्सीजन मिलता है उनको अनिवार्य करना चाहिए

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