कोरोना संक्रमण में कारागार से बंदी किये जा रहे रिहा
ललितपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि प्रदेश
में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप व जेलों में भीड़ होने से आपराधिक
मामले के आरोपी के जीवन को खतरा हो सकता है। ऐसे में इस दौरान आरोपी को
सीमित अवधि के लिए अग्रिम जमानत देना उचित है ताकि जेल में कोरोना
संक्रमण न फैले। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने यह आदेश गाजियाबाद के प्रतीक
जैन की अग्रिम जमानत अर्जी पर दिया है। याची धोखाधड़ी के एक मामले में
आरोपी है। कोर्ट ने कहा कि वह गिरफ्तार किया जाता है तो उसे तीन जनवरी
2022 तक अग्रिम जमानत दी जाए। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए जनपद
न्यायाधीश मोहम्मद रियाज के नेतृत्व में बंदियों को राहत देने के लिए
विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसमें अब तक कुल 26 मामलों में बंदियों को
अंतरिम जमानत दे दी गई है एवं उन्हें छोड दिया गया है। प्रभारी जनपद
न्यायाधीश के रूप में चंद्र मोहन श्रीवास्तव द्वारा अब तक कुल 05 बंदियों
को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश के रूप में
निर्भय प्रकाश द्वारा अब तक कुल 02 बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया
गया। वहीं प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में डा.सुनील कुमार
सिंह द्वारा अब तक कुल 19 मामलों में बंदियों को जेल से रिहा किया गया
है। अब 60 दिनों के पश्चात इन बंदियों को पुन: न्यायालय के समक्ष
आत्मसमर्पण कर के रेगुलर जमानत करवाना होगा। अंतरिम जमानत पर इन बंदियों
को इस शर्त पर रिहा किया गया है कि वह जेल से छूटने के बाद सीधे अपने घर
जाएंगे, किसी भी अपराधिक गतिविधि में लिप्त नहीं होंगे, सदाचार बनाए
रखेंगे एवं बिना न्यायालय के अनुमति के अपने निवास वाले जिले से बाहर
नहीं निकलेंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव एवं नोडल
अधिकारी कोविड 19 डा.सुनील कुमार सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी ललितपुर
से अपील की है कि जनपद ललितपुर में वृद्धा आश्रमों में रह रहे व्यक्तियों
का अविलंब टीकाकरण कराया जाए जिससे कोरोना संक्रमण के प्रभाव को रोका जा
सके।