बाल विवाह रोकथाम हेतु जन जागरूकता

ललितपुर। जिलाधिकारी द्वारा निदेशक महिला कल्याण उ.प्र. के पत्र के क्रम में बाल विवाह रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर गठित बाल विवाह टास्क फोर्स के माध्यम से जनपद में अक्षय तृतीया 14 मई 2021 के अवसर पर होने वाले सम्भावित बाल विवाहों पर निगरानी बनाये रखने तथा उन्हें रोकने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा जनपद ललितपुर के लोगो से अपील की गयी है कि बाल विवाह एक कुप्रथा है, बाल विवाह न होने दे, न ही करवायेे। शादी के लिए लडक़े की आयु 21 वर्ष एवं लडक़ी आयु 18 वर्ष से कम नही होनी चाहिए। बताया गया कि सामान्यत: समाज में लड़कियों को बोझ के रूप में देखा जाता है और समाज की रूढिवादी परम्परा के कारण उनकी शादी जितनी जल्दी हो सके करा दी जाती है। शिक्षा की कमी और कानूनी जानकारी के अभाव के कारण भी बाल विवाह होते है। बाल विवाह कराने वाले और उसमें शामिल होने वाले व्यक्तियों जैसे-पंडित, मौलवी, पादरी, माता-पिता, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि के विरूद्ध दण्ड के रूप में 02 साल का कठोर कारावास/रू0 1 लाख जुर्माना या दोनो का प्रावधान है। इस तरह के विवाह का दुष्परिणाम यह होता है कि कम उम्र में विवाह करने से लड़किया परिपक्व न होने के कारण बच्चे कुपोषित पैदा होते है। लड़कियो के कम उम्र में बाल विवाह हो जाने के कारण ज्यादा बच्चे भी पैदा हो जाते है जिससे जनसंख्या वृद्धि भी होती है। बाल विवाह एक ज्वलंत मुद्दा है, इस प्रकार का मामला आने पर उसे पुलिस विभाग, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति, चाइल्डलाईन-1098, एवं जिलाधिकारी महोदय को लिखित या मौखिक रूप से सूचना दे सकते है।

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