कोरोना कफ्र्यू को लेकर डीएम ने जारी की शासन की गाइड लाइन

ललितपुर। अपर मुख्य सचिव गृह (गोपन) अनुभाग-3 उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के शासनादेश की जानकारी देते हुये जिला मजिस्ट्रेट अन्नावि दिनेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में आंशिक कोरोना कफ्र्यू 24 मई 2021 की सुबह 07.00 बजे तक बढ़ाये जाने के निर्देश दिये गये है। शासनादेश के अनुपालन में कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम हेतु जनपद में निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। उ.प्र. राज्य सडक़ परिवहन निगम के माध्यम से प्रदेश के बाहर कोई भी बस न भेजी जाये, जिससे कि संक्रमण पर प्रभावी कार्यवाही की जा सकें। बसों में सोशल डिस्टेंिग का पालन हो व सेनेटाइजर का प्रयोग एवं मास्क का प्रयोग अनिवार्य किया जाता है। आवश्यक दवा/सर्जिकल की दुकानें खुली रहेगी। उद्योग पूर्व आदेशों के अन्तर्गत खुले रहेगें। केवल दैनिक उपयोग की दुकान जैसे सब्जी, फल, दूध, किराना इत्यादि की दुकानों को छोडक़र शेष दुकानें बन्द रहेगी। सब्जी मण्डी, फल मण्डी में भी सोशल डिस्टेसिंग का पालन, मास्क/ग्लब्स व सेनेटाइजर के उपयोग की अनिवार्यता रहेगी। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक प्रयोग कर कोराना से बचाव के प्रति जागरूकता के सन्देश प्रसारित किया जायेगा। हाईरिस्क कैटेगरी यथा- 60 वर्ष से ऊपर अथवा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अथवा गर्भवती महिलायें एवं एक से अधिक बीमारी से ग्रसित कम इम्यूनिटी के लोगों को बाहर जाने से प्रतिबन्धित किया जाता है। सामान्य जन से अपील है कि अनावश्यक बाहर न निकलें एवं यदि निकलें तो मास्क अनिवार्य रूप से पहनकर ही निकलेंगा। टीकाकरण का अभियान जनपद में यथावत चलता रहेगा, परन्तु सोशल डिस्टेसिंग व दो गज की दूरी व मास्क की अनिवार्यता टीकाकरण के समय आवश्यक होगी। निगरानी समितियों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में जो भी व्यक्ति ग्राम के बाहर से आ रहे है, यदि होम क्वारन्टाइन की घर में जगह नहीं है, तो क्वारन्टाईन सेन्टर में रखा जायेगा। कन्टेनमेंट जोन में आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी कार्य सख्ती से बाधित रखे जायेंगा। प्रत्येक शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में फॉगिंग व सेनेटाइजेशन प्रतिदिन किया जायेगा। बीज व खाद की दुकान, कोटे की उचित दर की दुकान व गेंहू क्रय केन्द्र खुले रहेगें। कीटनाशक दवाओं की दुकानें तथा कृषि यन्त्रों से सम्बन्धित दुकानें खुली रहेगी। किसी व्यक्ति द्वारा उपर्युक्त निर्देशों का उल्लघंन किये जाने पर उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं आपदा प्रबन्ध अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी।

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