थोक विक्रेताओं की दुकानें बंद होने के कारण फुटकर मेडिकल स्टोरों पर दवाइयों की किल्लत

ललितपुर। देश व प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते आम आदमी अब जरूरी दवाइयों की किल्लत झेलने को मजबूर है। वहीं दूसरी ओर जिला शासन व प्रशासन द्वारा दवा के थोक व्यापार के लिए कोई गाइडलाइन जारी न करने के कारण छोटे मेडिकल स्टोरों पर कोरोना के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाईयों की किल्लत शुरू हो गई है। दवा व्यापार से जुड़े हॉलसेल व्यापारियों ने जिला प्रशासन से गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। गौरतलब है कि देश व प्रदेश के साथ सहारनपुर में भी कोरोना संक्रमण के मामले दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जनपद में जिला प्रशासन द्वारा दवा की हॉलसेल दुकानों के सम्बंध में कोई भी गाइडलाइन जारी न करने के चलते जब से जनपद में लॉकडाउन की व्यवस्था लागू हुई है। तब से हॉलसेल मार्किट बंद पड़ी हैं। इस कारण कोरोना में प्रयोग होने वाली दवाइयों की किल्लत शुरू हो गई है। आलम यह है कि मरीज को इन दवाओं की जरूरत पडऩे पर अनेक मेडिकल स्टोरों के चक्कर काटने के बावजूद भी नहीं मिल पा रही है तथा फुटकर दवाओं के विक्रेताओं द्वारा पीछे से दवा न आने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। इस सम्बंध में सहारनपुर ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री प्रदीप लूथरा ने बताया कि अभी तक हमें जिला प्रशासन द्वारा हॉलसेल मार्किट खोलने के सम्बंध में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं जिस कारण दवा का हॉलसेल कारोबार बंद पड़ा हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन से हॉलसेल दवा मार्किट को खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। ताकि फुटकर दवा विक्रेताओं को दवा की सप्लाई हो सके तथा मरीजों को आवश्यक दवाओं की किल्लत का सामना न करना पड़े।

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