जनपद ललितपुर में हैं 1,275 एक्टिव टीबी के मरीज

कमजोर इम्युनिटी की वजह से कोरोना संक्रमण होने का खतरा
ललितपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) और क्षय रोग यानि टीबी के संक्रमण का तरीका और लक्षण लगभग मिलते-जुलते हैं। इसलिए इनके संक्रमण की जद में आने से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। यह बीमारी हवा से फैलती है खासकर जब कोई पीडि़त व्यक्ति बोलता, खांसता या छींकता है। जहां विश्व में अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है वहीं टीबी और कोरोना के लक्षण और फैलने का तरीका भी एक सामान होता है। दोनों ही बीमारियाँ फेंफड़ों पर असर करती हैं। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा.जे.एस.बक्शी ने जानकरी देते हुए बताया कि कोरोना का संक्रमण कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को होता है, टीबी के रोगियों की पहले से ही प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उन्हें कोरोना होने का खतरा बना रहता है। कोरोना से बचने के लिए उनका टीकाकरण वरीयता पर करना आवश्यक है। जनपद में फिलहाल 1,275 एक्टिव टीबी के रोगी हैं। डा.जेएस बक्शी ने जानकरी देते हुए बताया कि क्षय रोग और कोरोना वायरस लगभग एक ही तरीके से फैलते है। कोरोना जहां एक वायरस (विषाणु) है तो टीबी एक बक्टेरिया (जीवाणु) है, लेकिन दोनों ही सूक्ष्म और अद्रश्य होते है। इसलिए इसके संक्रमण में आना सामान्य है। जरूरी है कि कुछ बातों का ख्याल रखा जाये जिससे इस तरह के संक्रमण से बचा जा सकता है। जनपद में अब तक हुए कोरोना टीकाकरण के आंकड़े जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.हुसैन खान ने जानकरी देते हुए बताया कि जनपद में 16 जनवरी कोरोना से सुरक्षा के लिए टीकाकरण चल रहा है। यह टीका 18 वर्ष के सभी लोगों के लिए लगवाना बेहद आवश्यक है, कोरोना का टीका सिर्फ कुछ परिस्थिति में नहीं लेना है जैसे कि तेज बुखार होने की स्थिति में, गर्भावस्था के समय और गंभीर रोगियों जैसे कैंसर के मरीज, मधुमेह, उच्च रक्तचाप सभी रोगियों के लिए कोरोना टीका पूरी तरह सुरक्षित है। आवश्यक भी है लेकिन जरूरी है की मधुमेह और उच्च रक्तचाप नियंत्रित स्थिति में हो और नियमित दवाई ले रहे हों। डा.हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया अब तक जिले में 108,536 लोगों का टीकाकरण हुआ है, 92,844 लोगों ने टीके की पहली खुराक ली है और 15,692 लोगों ने ही दूसरी खुराक ली है। कोरोना संक्रमण से पूर्ण सुरक्षा के लिए टीके की दोनों खुराकें लेना बेहद आवश्यक है। बचाव का तरीका दोनों ही प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए नीचे बताये तरीके को अपना कर संक्रमण से बचा जा सकता है। साबुन- पानी से 20 सेकंड तक बार बार हाथ धोना। उचित दूरी बना कर रखना। बुखार खांसी ज्यादा दिनों तक रहने पर चिकित्सक से परामर्श करना।

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