आखिर उठ ही गया बुन्देली का सिरमौर सितारा,शिखर चंद जैन " मुफलिस "

ललितपुर-सरदारपुरा निवासी बुंदेलखंड के लोकप्रिय बुंदेली कवि श्री शिखर चंद जैन " मुफलिस " का आज आकस्मिक निधन हो गया है।बुंदेलखंड के लोकप्रिय बुंदेली कवि स्वर्गीय शिखर चंद मुफलिस की एक प्रसिद्ध कविता लरका फिरत ब्याव के लाने, नोनी सी मोड़ी तुम ढूंढो तुम सयाने सत्तर और अस्सी के दशक में हर कवि सम्मेलन में सुनी जाती थी। सौभाग्य से कवि मुफलिस हमारे पडौसी होने के कारण बचपन से ही हमें उनका स्नेह और मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहा। दैनिक जनप्रिय से मेरे जुड़ने के लिए बात करने से लेकर स्व.डाॅ. बाहुबली कुमार जैन के बीच सन्तुलन बनाने का महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसके कारण आज में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगभग ढाई दशकों से पत्रकारिता के नये आयाम को छूने का प्रयास कर रहा हूँ। हर दीपावली को में ललितपुर आकर मुफलिस जी के पास अवश्य ही जाता था लेकिन कोरोना काल के कारण बीते वर्ष नहीं आ सका और मुफलिस जी से न मिल पाने का कष्ट हमेशा बना रहेगा।दादा श्री शिखर चंद्र जैन " मुफलिस " ललितपुर की पत्रकारिता के स्तंभ रहे तो वही उनकी तीखे व्यंग्य छक्का चैका के रुप पहचान रही वह अच्छे कवि थे। उनके निधन से पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में क्षति हुयी है। ललितपुर का वेबाक प्रवक्ता चला गया जो लिखता था तो प्रखर,बोलता था तो प्रबल,मंच पर रहता था तो सबल। कलम के सिपाही के चरणों में सुरेन्द्र अग्निहोत्री,पद्म श्री कैलाश मड़बैया,भूपेन्द्र जैन असीम श्रद्धांजलि अर्पित की।

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