गुरू अर्जुनदेव महाराज का शहीदी दिवस मनाया गया

ललितपुर। श्रीगुरु सिंह सभा कमेटी के संयोजन में सिख संगत द्वारा सिखों के पांचवे गुरु गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहीदी दिवस गुरुद्वारा लक्ष्मीपुरा में बड़ी ही श्रद्धा के साथ सादगी से सोशल डिस्टेन्स का पालन करते हुए गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए मनाया गया। 3 मई से अपने अपने घरों में सुखमणि साहेब के पाठ किए गए उसका समापन व गुरु ग्रंथ साहिब के सहज पाठ साहेब की समाप्ति की ज्ञानी मोहकम सिंह ने बताया कि गुरु अर्जुन देव महाराज के किए गए कार्यों में प्रमुखता से अमृतसर में अमृतसर दरबार साहिब स्वर्ण मंदिर बनवाया श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की संपादना भी की एवं हरमंदिर साहिब में पहला गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश कराया गया पंजाब में तरनतारन नगर बसाया 25 वर्ष की उम्र में सिख धर्म की अगुवाई करते हुए जहांगीर के बागी खुसरो को पनाह देने के कारण लोगों ने लोगों ने ईर्ष्या रखने वाले वाह झूठे आरोप लगाकर जहांगीर को बताया गया वा भडक़ाया गया जिससे नाराज हो कर जहाँगीर ने गुरु जी को घोर यातनायें दी कडक़ती धूप में गर्म लोहे की तवी पर बिठाया गया उसके नीचे आग की लपटें थी ऊपर शीश पर गर्म गर्म रेता डाली गई लेकिन गुरु नही घबराए यह दृश्य देखने वालों का हिरदय कांप उठा गुरु जी वाहगुरु की किरपा पर विश्वास रखते थे उन्हें खोलते हुए पानी की देग में भी उबाला गया लेकिन गुरु जी ने सी तक नही की ओर ये वचन कहे तेरा किया मीठा लागे फिर जहाँगीर बादशाह ने गुरु जी को लाहौर के रावी दरिया के छोर पर लेजाकर शाहीद कर दिया गया जहां पर डेरा साहिब गुरूद्वरा शुशोभित है। इस अवसर पर अध्यक्ष ओंकार सिंह सलूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह सलूजा, सुजीत सिंह सलूजा, परमजीत सिंह छतवाल, चरणजीत सिंह, डिंपल, पर्सन सिंह, हरजीत सिंह, मेजर सिंह परमार, सुरजीत सिंह काके आदि उपस्थित थे।

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