हिंदुत्व प्रेमी महाराणा प्रताप एवम महाराजा छत्रसाल का मनाया जन्मोत्सव
सनातन धर्म को बचाने में किया सर्वस्व न्यौछावर
ललितपुर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ललितपुर के तत्वाधान में सनातन धर्म की रक्षा करने वाले महाराजा महाराणा प्रताप एवम बुन्देलखण्ड केसरी महाराजा छत्रसाल जूदेव की जयन्ती धूमधाम से मनाई। सर्व प्रथम महापुरुषों के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया।इसके बाद उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया।बैठक को संबोधित करते हुए कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप जी का जन्म 1540 ईसवी में राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उन्होंने 17 वर्ष की आयु में हल्दीघाटी का युद्ध लड़ा था। उन्होंने अनेक बार अकबर को युद्ध मे पराजित किया था। जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह परमार ने कहा कि बुन्देलखण्ड केसरी महाराजा छत्रसाल जूदेव का जन्म पन्ना जिले के मोर पहाड़ी गांव में 1648 ईसवी में हुआ था।उनके पिता का नाम चम्पतराय था। भगवान सिंह चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप एवम महाराजा छत्रसाल से मुगल शासको को अनेको बार हराया। प्रदेश संगठन मंत्री भूपेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अकबर महाराणा प्रताप का दिल से समर्थक था। वह उनकी बहादुरी का गुणगान एवम चरित्र का प्रशंसक था। भगवत सिंह बैस ने कहा कि महाराजा छत्रसाल के जीवन से एक दोहा प्रसिद्ध है। एत जमुना उत नर्मदाएत चम्बल उते तोष। छत्रसाल से लडऩ की रही न काहू होश। छत्ता तेरे राज्य में, धक धक धरती होय। जित जित घोड़ा पग धरे, उत उत फत्ते होय। महाराजा छत्रसाल सिंह जूदेव बुन्देला ने बुन्देलखण्ड के समस्त जिलों में राज्य किया। उन्होंने हमेशा क्षत्रिय समाज का मस्तक ऊंचा रखा। मुगलो से इन्होंने कभी हार न मानी एवम हमेशा विजयी रहे।अन्याय एवम अधर्म का दोनों क्षत्रिय राजाओ ने विरोध किया। अत: हम सभी भारतवासियों को उन पर गर्व है। इस दौरान विजेंद्र सिंह चौहान, बृजेन्द्र सिंह परमार, भगवान सिंह चौहान, सुरेन्द्रपाल सिंह वघेल, बेवी राजा, भूपेंद्र सिंह तोमर, राजेन्द्र सिंह, चन्द्रपाल सिंह परमार, जयहिन्द सिंह परमार, देवेन्द्र सिंह चौहान, जंडेल सिंह परमार, ताहर सिंह परमार, हरेन्द्र प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ब्रजेन्द्र सिंह परमार ने एवं संचालन जिला महामंत्री भगवत सिंह बैस ने किया।