अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ निर्यात पार्क एवं हस्तशिल्प क्लस्टर की स्थापना को प्रमुखता -डा0 नवनीत सहगल

लखनऊः दिनांकः 20 जुलाई, 2021 उत्तर प्रदेश से विगत तीन वर्षों में 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.21 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात विभिन्न देशों में हुआ है। आगामी तीन वर्ष में प्रदेश से 03 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे प्राप्त करने के लिए नई निर्यात नीति-2020-25 प्रख्यापित की गई है। इसके तहत प्रत्येक जनपद में एक्सपोर्ट डेवलेपमेंट सेंटर विकसित किये जाने के साथ ही निर्यातकों को विभिन्न प्रकार विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रबंध भी किया गया है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना काल होने के बावजूद भी प्रदेश से 1.21 लाख करोड़ का निर्यात हुआ है। वर्ष 2017-18 में प्रदेश से 88 हजार करोड़ का निर्यात किया गया था, जबकि वर्ष 2018-19 में 1.14 लाख करोड़ तथा वर्ष 2019-20 में 1.20 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात हुआ था। राज्य से होने वाले निर्यात में इंजीनियरिंग तथा खेलकूद सामग्री, रक्षा उपकरण तथा कृषि प्रसंस्कृत उत्पाद प्रमुख रूप से हैं। उन्होंने बताया कि निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता वाली 05 चैम्पियन सेवा क्षेत्रों का भी चयन किया गया है, जिनमें शिक्षा, पर्यटन, आई0टी0 एवं आईटीज, मेडिकल वैल्यू ट्रेवेल्स तथा लाजिस्टिक शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020-25 के तहत प्रदेश से होने वाले निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की गई है। निर्यात प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। कनसाइनमेंट कंटेनरों के सुविधाजनक परिवहन हेतु ग्रीन चैनल की व्यवस्था, राजस्व कर संग्रह एवं जीएसटी प्रतिपूर्ति के लिए विशेष प्रकोष्ठ का गठन, कौशल विकास के साथ मानक एवं गुणवत्ता नियंत्रण के प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया है। इसके अलावा अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ निर्यात पार्क एवं हस्तशिल्प क्लस्टर की स्थापना भी कराई जायेगी।

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