कोरोना योद्धाओं हेतु कोविड-19 तनाव प्रबन्धन पर आयोजित हुई कार्यशाला

लखनऊ: 08 जुलाई 2021 उत्तर प्रदेश सरकार ब्व्टप्क् रोगियों को उच्चतम गुणवत्ता- परक देखभाल प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य कर्मियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है। इस दिशा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0, द्वारा 02 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम दिन 7 जुलाई 2021 को अपरान्ह् 02ः30 से 04ः30 तक ब्व्टप्क्.19 महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर एक राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिससे उन्हें तनाव को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिल सके। दिनांक 8 जुलाई, 2021 को अपरान्ह् 02ः30 से 04ः30 बजे तक प्रदेश में ब्वअपक-19 के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और साइकोलॉजिकल सहायता पर मनोवैज्ञानिकों और मनोचिकित्सकों की क्षमता वर्धन हेतु कार्यशाला आयोजित की गयी। डॉ0 राजेश कुमार, मनोचिकित्सा विभाग प्रमुख, आईजीआईएमएस पटना और डॉ0 जनार्दन, प्रोफेसर, निमहंस बैंगलरू के विशेषज्ञ पैनल ने कार्यक्रम के दौरान मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के विभिन्न आयामों के बारे में बताया। डॉ0 राजेश कुमार, प्रमुख, मनोचिकित्सा विभाग, आईजीआईएमएस पटना ने बताया कि ब्वअपक.19 महामारी से लड़ने में स्वास्थ्य कर्मियों ने अथक प्रयास किए गए हैं। सबसे अहम समूहों में से एक फ्रंटलाइन कर्मचारी हैं जो महामारी से प्रभावित हुए हैं। डॉक्टर और नर्सों का मनोबल कमजोर हो सकता है, क्योंकि उन्हें दिन-रात मौत का सामना करना पड़ रहा है। शवदाह गृह में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी, एम्बुलैंस चालक, कार्मिकों को भी भारी तनाव से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “वे सभी भारी तनाव से गुजर रहे हैं। इसलिए, हमें उनकी भूमिका को स्वीकार करने की जरूरत है, जो अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से कर्तव्य निभा रहे हैं। कार्यस्थलों पर उन्हें बड़ी संख्या में सहयोगी समूह का समर्थन भी आवश्यक है। डॉ0 जनार्दन ने बताया मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ही देखना चाहिए। तनाव को दूर करने में उपयुक्त दिनचर्या एक अहम भूमिका निभाती है। यह ऐसा काम है, जिस पर हमारा नियंत्रण है। अच्छा खान-पान, अच्छी नींद, संगीत, सांस लेने से जुड़े व्यायाम, बच्चों तथा परिवार के साथ समय व्यतीत करना, दूसरों के साथ जुड़ना आदि बहुत महत्वपूर्ण हैे। उन्होंने सुझाया कि एक डायरी या बॉक्स बनाएं जिसमें आप अपनी चिंताओं को जमा करें और उन्हें अपने दिमाग में रखने के बजाय उनकी चिट बनालें। इससे आपको ज्यादा ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वास्तविक समाचार स्रोतों से जुड़ना और नकारात्मक व अवास्तविक जैसे अन्य स्रोतों, जो आपकी चिंता बढ़ाते हैं, से दूर होना जरूरी है। तनाव के आंकलन एवं उचित प्रबन्धन हेतु छप्डभ्।छै द्वारा तकनीकि सहयोग प्रदान करते हुए एक ऐप- ैभ्।त्म् ब्।त्म् विकसित किया गया है, जिसका उपयोग तनाव को प्रभावी रूप से कम किये जाने में सहायक होगा। कार्यशाला में प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभागियों के प्रश्नों का निराकरण किया गया जिसकी प्रतिभागियों द्वारा सराहना की गयीं प्रशिक्षकों द्वारा भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशाला आयोजन हेतु सहमति व्यक्त की गयी।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,