डाकिया बना चलता-फिरता बैंक, कोरोना वॉरियर्स के रूप में अब नई भूमिका - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष महालॉगिन अभियान चलाकर एक ही दिन में 12 जुलाई को छ: हजार से ज्यादा लोगों के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खुलवाए गए। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हुए मात्र आधार व मोबाईल नम्बर द्वारा ये पेपरलेस खाते खोले गए। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 3.72 लाख लोग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से जुड़ चुके हैं और घर बैठे इसकी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। अब आईपीपीबी खाते में अधिकतम राशि 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक के माध्यम से हर किसी के लिए घर से लेकर खेतों तक सहजता से डिजिटल और पेपरलेस बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे लोगों को भविष्य में भी घर बैठे आईपीपीबी के माध्यम से डीबीटी राशि प्राप्त करने में आसानी होगी। इस खाते के माध्यम से मोबाईल व डीटीएच रिचार्ज, बिजली व पानी बिल भुगतान जैसी तमाम सुविधाएँ मिलेंगी। जहाँ कोई नहीं पहुँचता, वहाँ डाकिया पहुँच रहा है। अब डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक चलते- फिरते बैंक बन गए हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने बताया कि इसी क्रम में आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम द्वारा अन्य बैंकों में प्राप्त डीबीटी राशि या जमा राशि का भी माइक्रो एटीएम द्वारा भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए भी 10 जुलाई को पूरे वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष महालॉगिन अभियान चलाकर 1 करोड़ 73 लाख रुपये की राशि लोगों उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराई गई। इससे कुल 10,650 लोग लाभान्वित हुए। कोरोना महामारी के दौरान अब तक डाक विभाग इसके तहत 10 लाख से ज्यादा लोगों को 314 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर चुका है।

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