तेली,भुजी, चौरसिया, हलवाई,व सुनार, जैसी जातियों के लोग आज भी उपेक्षित-तेली महा सभा

 27 प्रतिशत आरंक्षण में किसी अन्य समाज को शामिल किये जाने का तेली महा सभा विरोध करता हैं।

 पिछडे़ वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकांश लाभ यादव, कुर्मी व अन्य दो जातियों ने ही उठाया 

कायस्थ समाज शैक्षिक, में 100 प्रतिशत, आर्थिक व नौकारियों में 90 प्रतिशत

20 अगस्त 2021 पिछड़े वर्ग के 27 प्रतिशत आरंक्षण में कायस्थ या समाज को शामिल करने की प्रदेश सरकार की मंशा को अखिल भारतीय तेली महासभा उत्तर प्रदेश पुरजोर विरोध करता हैं, तेली महासभा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप साहू ने कहा कि पिछडे़ वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकांश लाभ यादव, कुर्मी व अन्य दो जातियों ने ही उठाया है बाकी अन्य अतिपिछड़ी जातियों के लोगो को आज तक उसका लाभ नही मिला है और न ही दिया जाता है, क्योकि पिछडे़ वर्ग को कुछ देने के नाम पर कोई भी पार्टी या सरकार में सिर्फ दो ही जातियों के लोगो को समायोजित कर दिया जाता है और बाकी अन्य अति पिछड़ी जातियां ठगी सी रह जाती हैं। तेली,भुजी, चौरसिया, हलवाई,व सुनार, जैसी जातियों के लोगो को पहले भी उपेक्षित किया जाता रहा हैं। और आज भी उपेक्षित किया जा रहा हैं। सभी पाटियां व सरकार इन वर्गो के लोगो को संगठन व सरकार में भगीदारी नही दे रहे है आज भी उपरोक्त अति पिछडा समाज सरकारी नौकरियों न के बरबार है और शैक्षिक, आर्थिक व राजनैतिक रूप से काफी पीछे हैं।
श्री साहू ने आगे कहा कि कायस्थ समाज शैक्षिक, में 100 प्रतिशत, आर्थिक व नौकारियों में 90 प्रतिशत है और ये समाज काफी मजबूत है ऐसे में इस समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर अन्य पिछडे़े वर्गो पर कुठारघात होगा और इससे साफ जाहिर होता है कि पार्टी या सरकार अन्य पिछडे़ वर्गो के लोगो को न्याय व राजनैतिक  हक देना ही नही चाहते है और इन जातियों के लोगो से सिर्फ वोट लेना चाहती है लेकिन इनको भागीदारी देना नही चाहती है। पार्टियाँ चाहती है कि उपरोक्त अन्य पिछड़ा समाज दबा, कुचला व उपेक्षित ही बना रहे इनका जीवन स्तर आर्थिक स्तर, शैक्षिक स्तर,व राजनैतिक स्तर, नीचे है और नीचे ही बना रहे इन्हे सिर्फ वोट लेने के लिये ही इस्तेमाल करते रहो और स्वयं सत्ता का लाभ उठाते रहो। श्री साहू ने अन्य पिछडे़ वर्गो के सभी लोगो का आवाहन करते हुये कहा कि अपने हक के प्रति जागरूक हो और सामाजिक न्याय की इस लड़ाई व 27 प्रतिशत आरक्षण में पहले से ही मजबूत अन्य समाज के लोगो को शामिल किये जाने का पुरूजोर विरोध करे।

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