फोटोग्राफी की लोकप्रियता बढ़ी: आलोक कुमार

 


कला एवं शिल्प महाविद्यालय में विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आयोजन

लखनऊ। कला एवं शिल्प महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार ने कहा है कि पहले डिजिटल कैमरों और फिर मोबाइल के कारण फोटोग्राफी की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी में महत्वपूर्ण छायाकार की दृष्टि होती है। श्री कुमार बृहस्पतिवार को विश्व फोटोग्राफी दिवस पर महाविद्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। 
समारोह में 'नादरंग' पत्रिका के संपादक और कला समीक्षक आलोक पराड़कर ने कहा कि जिस प्रकार पत्रकारिता को साहित्य नहीं माना जाता, फोटोग्राफी को कला मानने को लेकर भी हिचक रही है। वास्तव में फोटोग्राफी का मुख्य कार्य अभिलेखीकरण माना जाता है लेकिन श्रेष्ठ छायाकार इस विधा का कलात्मक उपयोग कर किसी फोटोग्राफ को कलाकृति जैसा महत्व दे देते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए छायाकार एवं महाविद्यालय के शिक्षक अतुल हुंडू ने विश्व फोटोग्राफी दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला। 
इस मौके पर मोबाइलोग्राफर्स फोटोग्राफी ग्रुप के सहयोग से महाविद्यालय में फोटो वॉक का आयोजन किया गया। इस फोटो वॉक में महाविद्यालय के छात्र, शिक्षकों, अलग-अलग संस्थाओं और लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों से 46 प्रतिभागी शामिल हुए। 
प्रतिभागियों ने महाविद्यालय परिसर की प्राचीन भवन, परिसर में महान कलाकारों द्वारा बनाए गए मूर्तिशिल्प एवं कलाकृतियों की तस्वीरें लीं और उनसे जुड़ी जानकारी प्राप्त की। प्रतिभागियों में 14 साल से लेकर 75 वर्ष की उम्र तक के लोग शामिल थे जिन्होंने तस्वीरे लेने के लिए स्मार्टफोन कैमरा, प्रोफेसईओनल एसएलआर कैमरा और ड्रोन का इस्तेमाल किया। समारोह में मोहम्मद अहसन, बिंदु अरोड़ा, रुद्रा शर्मा, हेमेन्द्र त्रिपाठी, अभिषेक वर्मा ने भाग लिया। 

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