लहरा रहा शान से नभ में,आज तिरंगा प्यारा
लहरा रहा शान से नभ में,आज तिरंगा प्यारा ।
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प्रथम भाग केसरिया इसका ,त्याग भाव सिखलाता ।
श्वेत रंग में, रूप शाँति का ,सबके मन को भाता ।
जग में खुशहाली बरसाता, हरा रंग यह न्यारा ।
लहरा रहा शान से नभ में, आज तिरंगा प्यारा ।
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चक्र अशोक सिंह मुद्रा में, धर्म की राह दिखाता ।
न्याय सत्य के पथ पर जोड़े, सारे जग से नाता ।
पंचशील के आदर्शों को ,मान रहा जग सारा ।
लहरा रहा शान से जग में, आज तिरंगा प्यारा ।
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लक्ष्मीवाई तात्या जी का ,यह इतिहास सुनाता ।
बापू जी के अमरत्याग की, है यह गौरवगाथा ।
इस झंडे की रक्षा करना, है कर्तव्य हमारा ।
लहरा रहा शान से नभ में, आज तिरंगा प्यारा ।
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डॉ. राम सहाय बरैया ग्वालियर (म.प्र.)
दिनांक:-१५-०८-२१.