जिसके सामने मुगलों की सेना पड़ गई थी पस्त भगवान गणेश की अद्भुत अलौकिक 22 भुजाओं वाली चमत्कारिक प्रतिमा
जिसके सामने मुगलों की सेना पड़ गई थी पस्त भगवान गणेश की अद्भुत अलौकिक 22 भुजाओं वाली चमत्कारिक प्रतिमा
22 भुजाओं वाली चमत्कारिक प्रतिमा
जिला मुख्यालय ललितपुर से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर है। यह महरौनी तहसील के अन्तर्गत बानपुर नामक कस्बा स्थित है जिसके उत्तर पूर्व में के सुप्रसिद्ध मंदिर जो सैकड़ों बरसों पुराना बताया जाता है यह मंदिर गणेश खेरा नामक मुहल्ला मैं स्थित है यहां भगवान गणेश की 22 भुजी अद्भुत अलौकिक प्रतिमा स्थापित है और मान्यता है कि यहां अपनी मनोकामना मांगने पर भगवान उसको पूर्ण करते है पुराने लोग बताते है कि मुगल काल मे मंदिर की चमत्कारिक गाथाएं मुगलों की कान में पहुंचने तत्कालीन शासक औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त करने के लिए अपनी सेना भेजी परंतु मुगलों की सारी सेना मिलकर भी इस मंदिर के परिसर में भी प्रवेश नहीं कर सकी थी यह प्रतिमा सैकड़ों वर्ष पुरानी एवं भूगर्भ से निकली बताई जाती है यह अपने आप में एक अनूठी प्रतिमा है जो शायद ही कहीं हिंदुस्तान में देखने को मिले मंदिर के बाहर चंदेल कालीन प्राचीन एक तालाब भी स्थित है जो अपने आप में अति प्राचीन और मनोरम दृश्य प्रदर्शित करता है तालाब का नाम बड़ा तालाब या गणेश तालाब के नाम से प्रसिद्ध है भगवान गणेश इस प्रतिमा के दर्शन करने से अलौकिक ऊर्जा भक्तों को मिलती है निकट में बानपुर दुर्ग स्थित है क्योंकि प्रशासन की अनदेखी के कारण अब यह जीर्ण र्शीढ़ अवस्था में अपने दिन गिन रहा है