मेरठ में नाथूराम गोडसे के साथी नारायण आप्टे की मूर्ति स्थापित करने की तैयारी



मेरठ। हिंदू महासभा जल्द ही महात्मा गांधी के हत्यारे और गोडसे के साथी नारायण आप्टे की मूर्ति स्थापित करने की तैयारी में है। यह मूर्ति ग्वालियर से बनकर मेरठ लायी जा चुकी है। मेरठ में अगले महीने यह स्थापित होनी है। आप्टे को नाथूराम गोडसे के साथ ही गांधी की हत्या में फांसी की सजा हुई थी। 

हाल ही में हुई हिंदू महासभा के राष्ट्रीय सदस्यों के साथ बैठक में यह तो साफ हो गया है कि यह गोडसे के साथी नारायण आप्टे की मूर्ति मेरठ को हिंदू महासभा भवन में स्थापित किया जाना है। अभी तक नाथूराम गोडसे की मूर्ति को लेकर ही हिंदू महासभा चर्चा में रहती थी, लेकिन अब नारायण आप्टे की मूर्ति को लेकर भी चर्चा तेज हो गई ।

कौन था नारायण आप्टे..!

गांधी हत्याकांड में मुख्य आरोपी नाथूराम गोडसे का सहयोगी था नारायण दत्तात्रय आप्टे। उसे गोडसे के साथ ही 15 नवम्बर 1949 को अंबाला जेल में फांसी पर लटकाया गया था। नारायण आप्टे पुणे के संस्कृत विद्वानों के परिवार का सदस्य था। आप्टे ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएट की डिग्री लेने के बाद शिक्षक के रूप में कार्य किया और 1939 में हिन्दू महासभा से जुड़ गया। उसने गोडसे के साथ मिलकर 'अग्रणी' नाम का अखबार भी निकाला था। 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के समय नारायण आप्टे, नाथूराम गोडसे के साथ खड़ा था। गांधी-हत्याकांड के लिए गठित विशेष अदालत ने 10 फरवरी 1949 को गोडसे के साथ आप्टे को भी फांसी की सजा सुनाई थी। कुल 9 आरोपियों में से विनायक दामोदर सावरकर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया और शेष 6 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

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