गिद्ध हमारी संस्कृति और पर्यावरण का अहम हिस्सा : मानव ऑर्गेनाइजेशन



ललितपुर। सृष्टि से साफ होते जा रहे गिद्धों को लेकर सुखद खबर आई है। बुन्देलखण्ड में विलुप्त होने की कगार पर खड़े गिद्धों की संख्या में अब बढ़ोत्तरी होने लगी है। हर साल सितम्बर के प्रथम शनिवार को अन्तर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस साल दुनिया भर में सैकड़ो संगठन अन्तर्राष्ट्रीय गिद्ध दिवस  मना रहे हैं। इस समय बुन्देलखण्ड में लगभग 3 हजार गिद्ध उड़ान भर रहे हैं। 4 सितंबर को मानव ऑर्गेनाइजेशन के तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय गिद्ध दिवस देवगढ़ स्थित महावीर वन्य जीव वन विहार में मनाया गया। वन जीव विहार के वन दरोगा शिवम यादव ने बताया गिद्धों को एक ही स्थान पर भोजन की व्यवस्था करने के लिए हमारे विभाग द्वारा ललितपुर के देवगढ़ में वल्चर रेस्ट्रॉण्ट खोला था। वर्ष 2011 में इसका शुभारम्भ हुआ। इसमें पशुपालकों के मृत पशुओं को रखा जाता है जिससे उन्हे भोजन खोजने में परेशानी न हो। भारत स्काउट एंड गाइड के प्रो.डा.राजीव कुमार निरंजन ने बताया कि गिद्धों को प्रकृति का सफाई कर्मचारी कहा जाता है। आसमान में ऊँची उड़ान भरने वाले इस मुर्दाखोर जीव की नजर धरती पर रहती है। जहां भी मृत देह नजर आती है, वहां गिद्धों का झुण्ड पहुँच जाता है। मुर्दाखोरी की यही आदत गिद्धों के पतन का कारण भी बन गई है। दरअसल, पिछले सालों में गाय, भैंसों को ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन दिया जाता था, जिसका दुष्प्रभाव पशुओं की मृत देह पर भी पड़ता था और इन पशुओं को खाकर गिद्ध अकाल मौत का शिकार हो जाते थे। ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन पर सरकार ने पाबन्दी लगा दी, जिससे गिद्धों की जान पर खतरा कम हो गया। इसके साथ ही गिद्धों को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास भी हुए, जिसके सुखद संकेत आने लगे हैं। कार्यक्रम संयोजक पर्यावरणविद पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गिद्ध रामायण काल से सेवा भाव के साथ कार्य कर रहा है, जानकर हैरानी होगी कि पूरे विश्व में गिद्ध की 22 प्रजातियां हैं, जिसमें से 9 प्रजातियाँ भारत में पायी जाती हैं और उसमें से 7 प्रजातियां बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पायी जाती हैं। यहां प्रमुखता से लौंग बिल्ड गिद्ध, व्हाइट बैक्ड गिद्ध, रेड हेडिड गिद्ध और इ़ज्पशिन गिद्ध पाई जाती हैं। हिमालयन रेफोर गिद्ध, युरेसियन गिद्ध और सिनेरियस गिद्ध यहां सर्दी के मौसम में आते हैं। इस दौरान अंकित जैन बंटी, विकास सैनी, स्वतंत्र व्यास, शेर सिंह यादव, रविंद्र घोष, आशीष साहू, भारत स्काउट एंड गाइड से भरत रजक, रोहित बरार, उमेश कुशवाहा, दीपचंद कुशवाहा, वन रक्षक सुदेश कुमार के साथ कई ग्रामीण उपस्थित रहे। शेर सिंह यादव ने आयें हुए समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया। महावीर वन्य जीव वन बिहार में भ्रमण के दौरान वॉच टॉवर से संस्था के सदस्यों व बच्चो ने आसमान मे उड़ते गिद्धों को देखा।

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