शिक्षण की अनोखी शिक्षा



कहते हैं शिक्षक वह है जो किसी भी विषय को रोचक बना देता है। यदि कोई विषय कठिन या बहुत उबाऊ है तो एक प्रशिक्षित और प्रवीण शिक्षक उसमें जान डाल देता है। ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। कक्षा 11 वीं में मेरा विषय बॉयलॉजी था। मुझे केमेस्ट्री और जीवविज्ञान तो बड़े अच्छे लगते थे, पर फिजिक्स में मेरा दिमाग चकरा जाता था। 

मैं एक सर के पास कोचिंग के लिए गई। उनके पढ़ाने का तरीका इतना मज़ेदार था, कि फिजिक्स जैसा रुलाने वाला सब्जेक्ट भी अब मुस्कुरा कर पढ़ते थे हम। उनका व्यवहार भी इतना सहज था कि उनसे कुछ भी पूछने में हमें कभी झिझक भी नहीं होती थी। यहां झिझक की बात इसलिए की है क्योंकि मुझे शुरू से ही शिक्षकों से घबराहट होती थी, उनकी डांट ना मिले ऐसा प्रयास मेरा हमेशा ही रहता था।सो  एक ऐसा शिक्षक पाकर मैं तो बड़ी प्रसन्न थी, तथा उस विषय को और भी मन लगाकर पढ़ने लगी। 

आज भी जब मैं पढ़ाती हूं तो पूरी कोशिश करती हूं कि हर विषय को पूरी तन्मयता और रोचकता से पढ़ाऊं। एक शिक्षक, शिक्षित करने की उत्तम शिक्षा प्रदान कर गया।



निशी मंजवानी🍂

इंदौर मप्र

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