जीवन में मन की पवित्रता कल्याणकारी : आर्यिकाश्री
आर्यिका माताए दे रखी श्रावकों को संस्कारों की सीख
महापर्व पर्यूषण पर प्रतियोगिताओं में दिखा रहे बच्चे अपनी प्रतिभा
ललितपुर। दिगम्बर जैन अटा मंदिर में पर्यूषण पर्व पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आर्यिका आदर्शमति माता ने लोभ कशाय के अभाव में प्रकट होने बोली जीवन की पवित्रता शुचिता है। यह पवित्रता संतोष धारण करने पर आती है। व्यक्ति को जैसे जैसे लाभ होता है वैसे वैसे लोभ वढता जाता है और यही लोभ इच्छा और इच्छा से तृष्णा में बदल जाता है जिसकी पूर्ति हो पाना संभव नहीं होता। आर्यिकाश्री ने कहा जव अपना मन पवित्र होता है हर चेहरे पर अपना चित्र होता है फिर दुनिया में कहीं भी चले जाओ जो भी मिलता है वह अपना मित्रहोता है। हमें मन की शुद्धि पर ध्यान देना है क्येाकि तन की पवित्रता तो वाहर की पवित्रता रहती है सच्ची पवित्रता तो मन की होती है जो कल्याणकारी रहती है। इसके पूर्व में आर्यिका अनुपममति माताजी एवं आर्यिका संवरमति माताजी ने धर्मोपदेश के माध्यम से बताया कि संस्कारों की वीजारोपण से ही धार्मिकता की ओर श्रावक आंगे बढते हैं जीवन संवारने के लिए संस्कारों की अहम भूमिका है जिसमें पाठशाला के माध्यम से दिए जाने वाले संस्कार निश्चय ही भविष्य के निर्माण में आदर्शता का मार्ग प्रशस्त करेंगे। धर्मसभा के प्रारम्भ में पाठशाला की वालिकाओं ने मंगलाचरण किया जवकि आचार्य श्री के चित्र का अनावरण श्रावकों ने कर दीपप्रज्जवलित किया। दिगम्बर जैन नया मंदिर में आर्यिका दुर्लभमति माता जी ने कहा संतोश रूपी जल से अपनी आत्मा को पवित्र कर पावन करने में ही सच्चा सुख है यह शुचिता का पावन पर्व जीवन में आत्मिक शान्ति का बोध कराता है। उन्हाहेने कहा क्षमा से का्रोध का हनन करें मार्दव से मन को जीते और आर्जव से माया को संतोश से लोभ को जीतने की कला जिसने समझ ली समझों जीवन का उद्धार हो गया। धर्मसभा में आर्यिका आर्यिका मेरू मति माता जी विराजमान रही। तत्वार्थ सूत्र का वाचन प्रतिभास्थली की छात्रा द्वारा किया गया जवकि अर्घ समर्पण बाहुवलि कठरया ने किया। मध्यान्ह में आर्यिका अनुपम मति माता जी ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा पुरूषार्थ के अनुसार गति मिलेगी।उन्होने कहा परिस्थियों पर विचार कर उन्हें टालना तथा स्वयं संभलना चाहिए। धर्मसभा का मंगलाचरण पाठशाला परिवार की छात्राओं ने भक्तिपूर्ण प्रस्तुति के माध्यम से कर खूब वाहवाही लूटी। मंदिरजी में सुबह से ही श्रद्धालुओं की पूजन अभिषेक शान्तिधारा के लिए होड लगी रहती है मध्यान्ह में धार्मिक विधान आदि कार्यक्रम हो रहे हैं। सुबह नगर के जैन अतिशय क्षेत्र क्षेत्रपाल जी, जैन अटामंदिर, बडा मंदिर वहुवलि नगर नईवस्ती आदिनाथ मंदिर चन्द्रप्रभु मंदिर डोढाघाट, शान्तिनगर मदिर गांधीनगर इलाइट जैन मंदिर, सिविल लाइन जैन मंदिर, एम्बोशिया कालौनी में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ साथ रात्रि में नगर के जैन मंदिरों में सायंकाल संगीतमय आरती में श्रद्धालुजन सम्मलित हुए और प्रभु की आराधना की। अखिल भारतीय दिगम्बर जैन परिषद के तत्वावधान में फेन्सी डेस प्रतियोगिता महिला परिषद की अध्यक्ष वीणा जैन के संयोजन में हुई जिसमें निर्णायक जैन परिषद के मुख्य संयोजक अक्षय अलया एवं महामंत्री अजय जैन रहे। प्रतियोगिता में धु्रव जैन प्रथम आदि जैन द्वितीय एवं मानवी जैन तृतीय तथा शिशु वर्ग में सीहा जैनल एवं मानया जैन रहे। सान्तवना पुरूष्कार ईशा सेसी एवं कृतिका जैन को मिला। जैन नया मंदिर में पाठशाला परिवार द्वारा धार्मिक क्रिकेट प्रतियोगिता हुई जिसमें अरिहंत टीम के 21 रन के मुकावले सिद्ध टीम के 21 रन बने। प्रतियोगिता में विजेता एवं उपविजेता टीम को पुरूष्कृत किया गया। जैन अटामंदिर, क्षेत्रपाल मंदिर, डोढाघाट जैन मंदिर, वाहुवलिनगर, जैन वडामंदिर में धार्मिक आयोजनों के माध्यम से अपूर्व प्रभावना हो रही है।