उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने शिक्षक दिवस के अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों को तोहफा दिया




प्रदेश के राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में यूजीसी द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर परास्नातक एवं स्नातक विभागों के शिक्षकगण जो नियमित, पीएचडी धारक व पूर्णकालिक शिक्षक हैं तथा जिनके 05 शोध पत्र रेफर्ड जनरल में प्रकाशित होंगे, को शोध निर्देशन करने हेतु अनुमति



राज्य विश्वविद्यालयों, अनुदानित महाविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक आचार्य जो पीएचडी उपाधि धारक नहीं है, को पीएचडी उपाधि प्राप्त करने हेतु प्रवेश प्रक्रिया में यूजीसी रेगुलेशन का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु समस्त विश्वविद्यालय आवश्यक व्यवस्था बनाएंगे

लखनऊः दिनांक: 05 सितम्बर, 2021
उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने शिक्षक दिवस के अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा मालवीय सभागार में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त 28 शिक्षकों को सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनपद लखनऊ के राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों, स्ववित्तपोषित उच्च शिक्षण संस्थानों से चयनित शिक्षकों को भी उत्कृष्ट कार्यों हेतु सम्मानित किया।
उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए जाने वाले ‘सरस्वती पुरस्कार’ तथा ‘शिक्षक श्री’ पुरस्कार 2019-29 हेतु चयनित कुल 09 शिक्षकगणों के नामो की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरस्वती पुरस्कार हेतु प्रो० पूनम टंडन, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, डा० सिकंदर लाल, एसोसिएट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय ढिढुई पट्टी प्रतापगढ़, डा० शीतला प्रसाद वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, कुलभस्कर आश्रम महाविद्यालय प्रयागराज को चयनित किया गया है। इसके साथ ही शिक्षक श्री पुरस्कार हेतु डॉ राकेश गुप्ता, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, डॉ राजेश कुमार शुक्ला, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, प्रोफेसर वंदना राय, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, डॉ राजेश कुमार पाण्डेय, हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नैनी प्रयागराज, डॉ शीला श्रीवास्तव फिरोज गांधी पीजी कॉलेज रायबरेली तथा डा रेनू चौहान, एस०बी०डी० कॉलेज धामपुर बिजनौर को चयनित किया गया है।
उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने शिक्षक दिवस के अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों को तोहफा देते हुए घोषणा की कि प्रदेश के राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में यूजीसी द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर परास्नातक एवं स्नातक विभागों के शिक्षकगण जो नियमित, पीएचडी धारक व पूर्णकालिक शिक्षक हैं तथा जिनके 05 शोध पत्र रेफर्ड जनरल में प्रकाशित होंगे, को शोध निर्देशन करने हेतु अनुमति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने ने इसके साथ ही दूसरी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों, अनुदानित महाविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक आचार्य जो पीएचडी उपाधि धारक नहीं है, को पीएचडी उपाधि प्राप्त करने हेतु प्रवेश प्रक्रिया में यूजीसी रेगुलेशन का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु समस्त विश्वविद्यालय आवश्यक व्यवस्था बनाएंगे। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के द्वारा रखी गई अन्य मांगों के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित निर्णय लिया जाएगा।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा की शिक्षक सेवानिवृत्त नहीं होता बल्कि हमेशा सेवावृत्त रहता है। उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत विगत साढे चार वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। उन्होंने बताया कि असेवित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रसार हेतु तीन राज्य विद्यालय की स्थापना की गई। 77 नए राजकीय महाविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रगति पर है तथा 13 कॉलेजों में शिक्षण कार्य इसी सत्र से प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रुसा के अंतर्गत 26 मॉडल राजकीय महाविद्यालयों का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने बताया क्या उच्च शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग को प्रोत्साहन हेतु कई नवोन्वेसी कदम उठाए गए हैं। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी पर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के नोट्स एवं ऑडियो/ वीडियो लेक्चर अपलोड किए गए हैं। डिजिटल डिवाइड गैप को कम करने हेतु तहसील/ब्लाक स्तर पर 120 राजकीय महाविद्यालय में ई लर्निंग पार्क की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। राजकीय महाविद्यालय के पुस्तकालयों में प्रीलोडेड टैब्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई तथा टेबलेट में पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षण सामग्री पूर्व से उपलब्ध कराई गई है।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत राज्य स्तरीय एकेडमी बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना की गई है। पाठ्यक्रम पुनर्संरचना के अंतर्गत नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्नातक पाठ्यक्रमों की पुनर्संरचना करके इसी शैक्षिक सत्र से लागू करने हेतु सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा तैयारी की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास, भारतीय ज्ञान परंपरा और सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर दिया गया है। पाठ्यक्रमों में रोजगार परक पहलुओं का समावेश करते हुए कौशल विकास एमएसएमई विभाग के साथ अनुबंध किया गया है।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने बताया कि शोध एवं अनुसंधान के अंतर्गत पाठ्यक्रम में शोध एवं अनुसंधान पर विशेष बल दिया गया है तथा शिक्षकों हेतु शोध नीति घोषित की गई है। 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना की गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस शोधपीठ, अटल सुशासन पीठ तथा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय रोजगार पीठ स्थापित की गई है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चौरा चोरी अध्ययन केंद्र की स्थापना की गई है। भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन हेतु सेंटर आफ एक्सीलेंस एवं भाषा केंद्र की स्थापना की गई है। इनोवेशन को बढ़ावा देने हेतु स्टार्ट अप नीति घोषित की गई है।
डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता एवं सरलीकरण के अंतर्गत अधिकतर प्रक्रियाएं ऑनलाइन संचालित हैं। नए महाविद्यालय प्रारंभ करने तथा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु एनओसी तथा विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त करने की सभी प्रक्रियाएं शैक्षिक सत्र 2021-22 से पूर्णतः ऑनलाइन कर दी गई है। राजकीय महाविद्यालयों, सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में नवनियुक्त प्रवक्ताओं का पदस्थापन का कार्य ऑनलाइन किया गया है।
शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारी तथा सम्मानित होने वाले शिक्षकगण उपस्थित थे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,