पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की कानपुर से हमीरपुर-जालौन की दो दिवसीय यात्रा ने प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी

 
लखनऊ

     दिनांकः14.10.2021

    समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष एवं  है। समाजवादी विजय रथ यात्रा में जनता के हर वर्ग से जो उत्साहपूर्ण और स्वतः स्फूर्त समर्थन मिला, उससे भाजपा नेतृत्व आशंकित और हतोत्साहित हो गये है इसलिए वे अपनी रणनीति बदलने की साजिश में जुट गये हैं। समाजवादी विजय रथ यात्रा के समर्थन में सड़कों पर इतनी भीड़ उमड़ पड़ी, जितने कई दशकों में भी नहीं दिखाई पड़ी थी।

     एक तरह से श्री अखिलेश यादव ने सन् 2022 में होने वाले चुनावों की निर्णायक शुरूआत कर दी है। विपक्ष में रहते हुए भी श्री अखिलेश यादव के प्रति युवाओं में विशेष आकर्षण है, उनके प्रति जो निष्ठा है, उसका प्रत्यक्ष प्रमाण उमड़ते जनसैलाब में किसानों और गरीबों में आशा का संचार होता दिखा।



     श्री अखिलेश यादव में तमाम चुनौतियों को परास्त करने की ताकत है। भाजपा अपनी संकीर्ण मानसिकता के साथ ध्रुवीकरण की राजनीति चलाती है। लेकिन अखिलेश जी विकास की बात करते हैं। किसान, नौजवान, गरीब, महिलाओं और वंचितों की बात करते हैं। उनकी पीड़ा से अपने को जोड़ते हैं। महंगाई, रोजगार, आवास, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने गरीब के दर्द पर मलहम भी लगाया। इससे जनसामान्य के बीच उनकी छवि अपने हमदर्द और  मसीहा की बनी है। 

     श्री अखिलेश यादव ने अपनी यात्रा की शुरुआत कानपुर के गंगाघाट से की। उन्होंने अपना समाजवादी विजय रथ चार जिलों कानपुर शहर, देहात और हमीरपुर, जालौन में घुमाया। देखने लायक दृश्य था कि हजारों नौजवान उनके रथ के साथ-साथ मीलो दौड़ते गए। अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने को युवा इतना आतुर था कि उसे धूप-गर्मी की भी परवाह नहीं थी। जगह-जगह लोग उनके स्वागत में खड़े थे।

 


  श्री अखिलेश यादव ने बढ़ती महंगाई, ईंधन गैस की किल्लत जैसे मसलों को उभारा जिससे ज्यादातर महिलाओं को ही सामना करना पड़ता है। उन्होंने भीड़ में खड़े किसानों को भी सम्बोधित किया। उन्होंने यह बात बार-बार कहीं कि भाजपा ने किसानों को कुचलने और उनकी आवाज को दबाने का काम किया है। भाजपा का चरित्र ही किसान विरोधी हैं।

    श्री यादव ने किसानों के दर्द को अपनी सभाओं में बार-बार उकेरा। किसान को आय दोगुनी करने का झांसा दिया गया, उसकी एमएसपी पर फसल बिकने के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे है। गन्ना किसानों को बकाया भुगतान नहीं हुआ। कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात पर भी वे बोले। रोटी-रोजगार की मार झेल रहे नौजवानों के दर्द को भी उन्होंने साझा किया।

    श्री अखिलेश यादव की विशेषता यह है कि वे समाजवादी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा इस ढंग से करते हैं कि जनता को भाजपा की जनविरोधी नीतियों की स्वतः जानकारी होते देखी गई। इस तरह श्री यादव ने जनता से बेहतर संवाद नई शैली विकसित की है।

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी के अनुसार इस समाजवादी विजय रथ यात्रा के दो दिनों में ही प्रदेश में राजनीतिक क्षेत्रों को इस बात का आभास हो गया है कि कल का दिन ऊर्जावान युवा नेता अखिलेश जी का है। उनकी लोकप्रियता असीमित है। घर-बाहर सर्वत्र उनके प्रशंसक है। डाॅ0 लोहिया, बाबा साहेब अम्बेडकर और चौधरी चरण सिंह के विचारों को सामने रखते हुए आधुनिक युग के की नए विजन को भी अपनाया है। जनता को साइकिल की रफ्तार पसंद है। उसके साथ उसकी उम्मीदें भी बंधी हैं। जनता को अब यह विश्वास हो चला है कि उनकी खुशहाली और तरक्की का हर सपना समाजवादी पार्टी के बहुमत में आने और श्री यादव के मुख्यमंत्री बनने से ही पूरा होगा।

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