सरदार पटेल ने स्वतंत्र राष्ट्र में एकीकरण का मार्गप्रशस्त किया : एमएलसी



समाजवादी पार्टी कार्यालय पर मनाया गया राष्ट्रीय एकता दिवस

ललितपुर। खण्ड-खण्ड में बसे भारत को अखण्ड राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह्न करने वाले भारत के पहले गृहमंत्री लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयन्ती समाजवादी पार्टी कार्यालय पर बड़े ही उत्साह के साथ मनायी गयी। जयन्ती कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद सदस्य रमा निरंजन मौजूद रहीं तो वहीं अध्यक्षता सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष फूलसिंह यादव ने की। 

इस दौरान मुख्य अतिथि एमएलसी रमा निरंजन ने कहा कि बल्लभभाई झावेरभाई पटेल, जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है प्रमुख। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। अध्यक्षता करते हुये सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष फूलसिंह यादव ने कहा कि बारडोली सत्याग्रह, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में हुआ एक प्रमुख किसान आंदोलन था, जिसका नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया । उस समय प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में तीस प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। पटेल ने इस लगान वृद्धि का जमकर विरोध किया। सरकार ने इस सत्याग्रह आंदोलन को कुचलने के लिए कठोर कदम उठाए, पर अंतत: विवश होकर उसे किसानों की मांगों को मानना पड़ा। एक न्यायिक अधिकारी ब्लूमफील्ड और एक राजस्व अधिकारी मैक्सवेल ने संपूर्ण मामलों की जांच कर 22 प्रतिशत लगान वृद्धि को गलत ठहराते हुए इसे घटाकर 6.03 प्रतिशत कर दिया। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष कैलाश यादव, ज्योति सिंह लोधी,  महेन्द्र सिंह, गिरधारी सिंह,स्नातक विधायक प्रतिनिधि विजय सिंह यादव, लक्ष्मी नारायण विश्वकर्मा, कृष्ण स्वरूप निरंजन,नैपाल सिंह यादव, रामविलास रजक, प्रकाश नारायण पाल, जयपाल सिंह, अजय सिंह यादव, प्रमोद इमलिया, विश्वजीत यादव, अमन सोनी, शिवम तिवारी, चारू, रानू मंसूरी, अंकुश तिवारी, पुष्पेन्द्र सिंह, अरूण राय छोटू आदि मौजूद रहे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,