जल्द तैयार की जायेगी प्रदेश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पॉलिसी

लखनऊ। नया भारत के लिये विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा तैयार की जा रही विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पॉलिसी के दृृष्टिगत नया  प्रदेश के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नया उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास, समृृद्धि और आत्मनिर्भरता के लिये आवश्यक प्रादेशिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति जल्द तैयार की जायेगी। 

प्रदेश के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुरेश चन्द्रा की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में कहा कि देश की विज्ञान नीति के साथ प्रदेश की विज्ञान नीति का होना अत्यन्त जरूरी है। श्री चन्द्रा ने विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा देश के लिये तैयार की जा रही नयी नीति के सभी पहलुओं पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए देश के वैज्ञानिकों व योजनाकारों की सराहना की। विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग विभाग के विशेष सचिव एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डॉ वेदपति मिश्र ने कहा कि नवीन विज्ञान नीति देश के सत्त विकास में मील का पत्थर होगी। कोविड के तमाम भयावह हालातों में भी भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा अमृत महोत्सव और विज्ञान महोत्सव एक ऐतिहासिक कदम है। भारत सरकार के हर वैज्ञानिक कार्यो मंे  हमारा विभाग सदैव अग्रणी रूप से जुड़ा है। डॉ मिश्र ने पॉलिसी निर्माण में तेजी से कार्य करने के लिये सभी वैज्ञानिकांे व संगठनों की सराहना की। 

समन्वय एवं कार्यक्रम प्रबन्धन प्रभाग, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के वरिष्ठ सलाहकार एवं प्रमुख डा0 अखिलेश गुप्ता ने अपने ऑनलाइन सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश एक राज्य नहीं बल्कि एक देश के समान है। राज्य की सम्पदा व समृृद्धि की प्रशंसा करते हुए राज्य की स्थानीय आवश्यकताओं का समाधान करने के लिये ज्यादा से ज्यादा विज्ञान, प्रौद्योगिकी  एवं  इन्नावेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इसके साथ प्रदेश कीे सभी वैज्ञानिक संस्थाओं, प्रयोगशालाओं, शैक्षिक संस्थानों तथा औद्योगिक संगठनों को एक साथ मिलकर समन्वय के साथ काम करने  और भारत सरकार के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग से जुडे़ रहने की आवश्यकता व्यक्त की।   

योजना भवन, लखनऊ में सम्पन्न बैठक में प्रदेश के ख्यातिप्राप्त 27 वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं, संस्थाओं तथा औद्योगिक संगठनों के प्रमुखों व प्रतिनिधियों ने फिजिकल व ऑनलाइन बौद्धिक मंथन में प्रतिभाग किया। राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति निर्माण में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिये विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की ओर से जैव चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र, लखनऊ के निदेशक डॉ0 आलोक धवन डॉ आलोक धवन को नोडल परसन नामित किया गया है। विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की ओर से पॉलिसी निर्माण के लिये केन्द्र व राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागांे व परिषदांे के बीच आवश्यक समन्वय व रणनीति तैयार करने के लिये डॉ सौम्या पाठक को फेलो नियुक्त किया गया है। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 की ओर से आयोजित उक्त बैठक में डॉ धवन व डॉ सौम्या पाठक, लखनऊ स्थित सी.एस.आई.आर. की सभी प्रयोगशालाओं, बी.एस.आई.पी., आई.आई.आई.टी. रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेंटर, इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन  के  निदेशकों/प्रमुखों के साथ-साथ आर.डी.एस.ओ. के महानिदेशक बी.बी.यू. लखनऊ, इण्टीग्रल यूनीवर्सिटी, ईरा मेडिकल यूनीवर्सिटी, मेघदूत ग्रामोद्योग, पी.टी.सी. इण्डस्ट्री लि0, लखनऊ के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय व राज्य पॉलिसी के लिए किये जा रहे कार्यों में अपनी हर संभव भागीदारी और योगदान दिये जाने की तत्परता व्यक्त की। परिषद के सचिव श्री आई.डी.राम ने अपनी प्रस्तुति के दौरान परिषद की महत्वपूर्ण गतिविधियों व उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। बैठक मंे परिषद के संयुक्त निदेशक डॉ हुमा मुस्तफा, श्री एस.एम. प्रसाद, श्री राधेलाल ने भाग लिया। अंत में परिषद के संयुक्त निदेशक डॉ राजेश गंगवार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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