‘‘निषाद जातियों को झूठा भुलावा देने के लिए आरजीआई को भेजा गया पत्र-लौटन राम’’


भाजपा से नाराज वोट बैंक को बीच में रोकने की जिम्मेदारी वी.आई.पी.  के ऊपर

लखनऊ 29 दिसम्बर, 2021 । राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने भाजपा पर निषाद जातियों को झूठा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जगह-जगह भाजपा की रैलियों में निषादों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए डैमेज कन्ट्रोल के लिए मुख्यमंत्री ने आरजीआई को मझवार के बारे में सहमति हेतु पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि भाजपा निषाद पार्टी व वीआईपी के प्रति तनिक भी गम्भीर नहीं थी। निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद समाज के बीच में आरक्षण की बात करते रहे लेकिन अंदर खाने सौदेबाजी का खेल चलाते रहे। यदि संजय निषाद वास्तव में निषाद जातियों को आरक्षण दिलाने के प्रति गम्भीर होते तो रैली मंच पर गृह मंत्री व मुख्यमंत्री के समक्ष आरक्षण का प्रस्ताव रखते। 3-4 महीने से बयान बाजी करते रहे कि आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे0पी0 नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री व उ0प्र0 प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान से आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा हो गयी है। आरक्षण के संबंध में कानूनी प्रक्रिया पूरी हो गयी है। लखनऊ की रैली में गृह मंत्री निषाद समाज को आरक्षण की घोषणा कर बड़ी सौगात देंगे। लेकिन रैली मंच से आयोजक व अतिथि के द्वारा आरक्षण शब्द पर चर्चा ही नहीं हुयी।
निषाद ने निषाद पार्टी व वीआईपी पार्टी को निज स्वार्थ के लिए बनाई गयी प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी बताया है। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर समाज की भीड़ जुटाकर अपने परिवार के लिए सौदे बाजी किया। दूसरी तरफ वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी गृह मंत्री के रिमोट कन्ट्रोल से ही संचालित हो रहे है। भारतीय जनता पार्टी से नाराज निषाद वोट बैंक कहीं सपा या कांग्रेस के साथ न शिफ्ट हो जाये, उसे वीआईपी पार्टी के साथ रोकने के जिम्मेदारी मुकेश सहनी को दी गयी है। इसके लिए 3-4 सौ करोड़ की राजनीतिक सौदेबाजी की गयी है। संजय निषाद अंदर से तो मुकेश सहनी बाहर से भाजपा की ही मद्द में जुटे हुए है। आरक्षण के प्रति इनकी गम्भीरता न होकर राजनीतिक सौदेबाजी की ही है।
श्री निषाद ने कहा कि भाजपा की 2012 में वायदा किया था कि भविष्य में भाजपा की सरकार बनने पर निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिया जायेगा और मछुआरों का परम्परागत पुश्तैनी पेशा बहाल किया जायेगा। 5 अक्टूबर, 2012 को दिल्ली के मावलंकर आडिटोरियम में फिशर मेन वीजन डाक्यूमेन्ट्स जारी करते हुए तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आरक्षण की विसंगति दूर कर सभी राज्यों की निषाद मछुआरा जातियों एस0सी0/एस0टी0 स्टैटस देने व निली क्रान्ति के माध्यम से आर्थिक विकास का वायदा किये थे। परन्तु भाजपा ने निषाद समाज से वायदा खिलाफी ही किया। उ0प्र0 की योगी सरकार ने बालू मौरंग खनन, मत्स्य पालन पट्टा की प्रणाली को खत्म कर सार्वजनिक कर दिया। श्रीराम-निषाद राज की मित्रता की बात करने वाले योगी ने निषाद राज जयंती के सार्वजनिक अवकाश को खत्म कर असली चेहरा उजागर कर दिया। उन्होंने कहा कि मझवार, तुरैहा, गोड़, बेलदार जाति को परिभाषित कर मल्लाह, केवट, बिन्द, धीवर, कहार, गोड़िया, तुरहा, मांझी, रायकवार को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने के लिए केन्द्र सरकार को विधि सम्मत प्रस्ताव भेजने की मांग किया है। कहा कि यदि भाजपा इन जातियों के साथ न्याय करनी चाहती है तो  संवैधानिक तरीके से तत्काल अंतिम निर्णय कर राजपत्र व शासनादेश उ0प्र0 चुनाव से पूर्व जारी करेगे। अब निषाद आरक्षण के मुद्दे पर वायदा व झूठा छलावा बरदाश्त नहीं किया जायेगा।  

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,