निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं, अधोमानक निर्माण पाये जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था एवं अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर होगी दर्ज-जयवीर सिंह


 अयोध्या, कुशीनगर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, गोरखपुर एवं वाराणसी में कराये गये कार्याें की क्लोजर रिपोर्ट 25 जून तक प्रस्तुत की जाए-जयवीर सिंह


पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न


लखनऊः 08 जून, 2022

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विभाग में निर्माण कार्य से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। जिस मानक का कार्य स्वीकृत हुआ है वैसा ही निर्माण कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए। अधोमानक सामग्री का उपयोग करके निर्माण कार्य किया जायेगा तो संबंधित कार्यदायी संस्था एवं ठेकेदार के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर करके विधिक कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही भुगतान के समय धनराशि में कटौती भी की जायेगी।
पर्यटन मंत्री आज पर्यटन निदेशालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन, प्रासाद तथा अध्यात्मिक सर्किट के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट निर्देश है कि निर्माण से जुड़ी संस्थायें सरकारी धन को खैरात न समझे। इसलिए जनता के गाढ़ी कमाई का एक-एक पैसा का उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में स्वदेश स्कीम के तहत रामायण सर्किट के अंतर्गत कराये गये कार्यों की क्लोजर रिपोर्ट 20 जून तक हरहाल में प्रस्तुत की जाए अन्यथा संबंधित कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को ब्लैक लिस्ट कर दिया जायेगा।
अयोध्या, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, कुशीनगर में कराये गये कुछ कार्यों को अधोमानक पाये जाने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की और कार्यदायी संस्था से तत्काल सुधार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अयोध्या, कपिलवस्तु, कुशीनगर, श्रावस्ती विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। यहॉ पर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि घटिया निर्माण किये जाने से प्रदेश व देश की छवि प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि जिस मानक का कार्य स्वीकृत किया गया है, उसी मानक का कार्य होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गुणवत्ता सुनिश्चित न किये जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज कराई जायेगी। उन्होंने निर्माण कार्यों को थर्ड पार्टी क्वालिटी चेक कराने के निर्देश दिये एवं कमी पाये जाने पर ठेकेदार से कटौती का स्पष्ट निर्देश दिया।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर तथा वाराणसी में कराये गये कार्यों की क्लोजर रिपोर्ट 25 जून तक पेश की जाए अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। इसके पश्चात उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में राज्य सेक्टर के अंतर्गत पूरी की गयी योजनाओं तथा निर्माणाधीन योजनाओं के बारे में विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पेपर तैयार होने के बाद धनराशि आवंटित करने में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय से पर्यटन विकास की योजनायें पूरी होने पर इसका सीधा लाभ पर्यटकों को मिलेगा, इसके साथ ही रोजगार सृजन एवं राजस्व अर्जन की गति तेज होगी। उन्होंने इस मौके पर राज्य सरकार/केन्द्र सरकार हेतु प्रस्तावित योजनाओं की तैयारी का प्रस्तुतीकरण का भी अवलोकन किया।
पर्यटन मंत्री ने पी0पी0पी0 से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्य की प्रगति, पर्यटन निगम को कार्यदायी संस्था नामित करने, वित्तीय वर्ष 2022-23 में त्वरित सदुपयोग संबंधी कार्य योजना तथा उ0प्र0 पर्यटन के ब्राण्डिंग-मार्केटिंग की आगामी योजना पर विस्तार से समीक्षा की। इसके अलावा एक कैलेण्डर वर्ष की कार्य योजना की रूपरेखा विभाग में रिक्त पदों की स्थिति, पी0पी0पी0 मॉडल एवं किराया अनुबन्ध पर दी जाने वाली सम्पत्तियों, पर्यटक इकाइयों पर चर्चा की। इसके पश्चात उन्होंने संस्कृति विभाग की कार्य योजना, रिक्तियों, बजट तथा संस्कृति विश्वविद्यालय की आगामी रूपरेखा के बारे में जानकारी प्राप्त करके आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
महानिदेशक एवं प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम ने अयोध्या, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, गोरखपुर, वाराणसी तथा बुद्धिष्ट सर्किट के अंतर्गत कराये गये अन्य कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि कार्य में लापरवाही एवं अधोमानक कार्य के मामले में किसी को वक्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही एफ0आई0आर0 भी दर्ज करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार कार्य कराने होंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मिट्टी भराव, वृक्षारोपण एवं अमृत सरोवरों के खुदाई का कार्य मनरेगा एवं पक्के कार्य पर्यटन विभाग द्वारा कराये जायेगे। उन्होंने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों को गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कार्यांे में कमी पाये जाने पर कार्यदायी संस्था के साथ-साथ क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में विशेष सचिव पर्यटन श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय, संयुक्त निदेशक श्री अविनाश चन्द्र मिश्र विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अयोध्या, वाराणसी, मथुरा समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
 

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