ऐतेबार किस पर करें अपने ही दिल से पुछले भरोसेमंदों की कमी है।

 ऐतेबार किस पर करें अपने ही दिल से पुछले भरोसेमंदों की कमी है। 

ज़माने को दोष न देना झांक अपने अंदर देख तुझ में क्या कमी है।

नाच करे बंदर माल खाए मदारी    यही चलता है आंखें फिर क्युं नमी है।

तख्तों ताज पलट जाते है पल भर में जहां हमदर्दी मोहब्बत की कमी है।

आशफाक खोपेकर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,