भाग-दौड़ और व्यस्त जीवन शैली में अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है, जिसे हम आम तौर पर अनदेखा करते रहते हैं। सभी के लिए बेहद जरूरी है कि वे पोषक तत्त्वों से भरपूर आहार खाएं। इसके लिए अपनी थाली में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें, जिन में सभी प्रकार के मिनरल्स, विटामिंस, प्रोटीन, एंटीआॅक्सीडेंट्स, कैल्शियम, पोटैशियम आदि मौजूद हों। अगर थोड़ा सा भी ध्यान देंगे तो पता चल जाएगा कि इस तरह के पोषण देने वाले सभी खाद्य पदार्थ हमारे आसपास ही मौजूद हैं। उनमें से एक हैं ‘चंद्रशूर’ जिसे हलीम भी कहा जाता है। चंद्रशूर को हिन्दी मंे हालों, हालिम, चनसुर, चन्दसूर तथा पहाड़ी में हालों कहा जाता है। अंग्रेजी मंे चंद्रशूर को काॅमन गार्डन क्रेस, पेपरग्रास, पेपरवर्टक्रेस, काॅमनक्रेस के नाम से जाना जाता है। भारत में, हालों को वैदिक काल से महत्त्वपूर्ण पौष्टिक और उत्तम औषधि माना गया है और इसे संस्कृत भाषा में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है जैसे रक्तबीजा, चन्द्रिका, चर्महत्री, पशुमेहनकारिका, नन्दिनी, कारवी, भद्रा, वासपुष्पा, सुवासरा। हमारे देश में हालों गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महा