मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जनपद बहराइच के बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा बैठक



लखनऊ: 15 अक्टूबर, 2022
जनपद बहराइच में आयी बाढ़ के दौरान संचालित किये जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा हेतु कलेक्ट्रेट सभागार बहराइच में आहूत बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान श्री दिनेश प्रताप सिंह ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशानुसार प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाय। प्रत्येक गृहविहीन हुए लोगों को मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया जाय तथा बाढ़ एवं कटान के कारण जिने लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गये उन्हें गृह अनुदान उपलब्ध कराया जाय।
श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ के कारण फसलों की हुई क्षति का तत्काल आगणन प्रारम्भ कर दिया जाय, ताकि प्रभावित कृषकों को फसलो की क्षतिपूर्ति दी जा सके। जिले के अधिकारियों का आहवान किया बाढ़ से अनुभव प्राप्त कर भविष्य के लिए अति प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें ताकि आपदा के समय जान-व-माल के नुकसान को न्यून से न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ के अनुभव के आधार पर आवश्यकतानुसार पी.पी.टी. भी तैयार कर ली जाय। मंत्री ने सुझाव दिया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ऐसे ग्रामों का चिन्हांकन किया जाय जहॉ बाढ़ के दौरान जल भराव की समस्या हो जाती है। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे ग्रामों में ऊंचे चबूतरों का निर्माण कराया जाय ताकि बाढ़ के दौरान मनुष्य व पशु इन चबूतरों पर आश्रय ले सके और यहीं से राहत और बचाव कार्यों का संचालित भी किया जाय। उन्होंने ऐसे स्थानों पर अस्थायी सामुदायिक शौचालयों की भी व्यवस्था कराये जाने का निर्देश दिया।
मंत्री ने निर्देश दिया कि राहत एवं बचाव कार्य के संचालन में मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं के लिए आश्रय, भूसा, चारा-पानी, दवा एवं टीकाकरण के माकूल बन्दोबस्त किये जाएं। श्री सिंह ने सुझाव दिया कि बाढ़ के दौरान तथा बाढ़ के पश्चात संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए क्या करना और क्या नहीं करना है, से सम्बन्धित अपील पत्र ग्राम प्रधानों को भेजा जाय। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के पश्चात उत्पन्न होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर प्रबन्ध सुनिश्चित कर लें तथा प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर एन्टीलार्वा का छिड़काव व फागिंग कराई जाय जाय तथा जलस्रोतों को विसंक्रमित भी किया जाय।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि फसल क्षति सर्वें का कार्य त्रुटिरहित तरीके से कराया जाय। जिससे कोई भी पात्र कृषक छूटने न पाये। उन्होंने कहा कि राहत व बचाव कार्यों को संचालित करते हुए मानवीय पहलुओं को भी तरजीह दी जाय। यह भी कहा कि बाढ़ के दौरान सक्रिय सहयोग प्रदान करने वाले जनप्रतिनिधियों का उत्साहवर्धन किया जाय। जिले के सभी तटबन्धों की राउण्ड-द-क्लाक निगरानी की जाय। मंत्री श्री सिंह ने जिलाधिकारी के कुशल नेतृत्व में जनपद में संचालित किये जा रहे राहत व बचाव कार्यों की सराहना करते हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियो का आहवान किया पूरे मनोयोग के साथ बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुॅचायें।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,