कला-कुंभ 2022 का सृजन-संवाद एवं सम्मान समारोह सम्पन्न

भोपाल। आज दिनांक 25.12.2022 प्रति वर्षानुसार पंचायत विकास परिषद् भोपाल एवं बुन्देलखंड समाज विज्ञान शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘कला-कुंभ’’-22 कार्यक्रम में सृजन-संवाद एवं सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 25 दिस., 22 को स्थान ठेगडी भवन, डिपो चौराहा, भोपाल में मध्यान 3 बजे से किया गया है। इस कार्यक्रम में 13 सृजनधर्मियों और समाज-सेवियों का सम्मान किया गया, जिनके नाम निम्नलिखित है- 1. बेकार को आकार हस्तकला में ः नीलम सांरगी, झांसी 2. दलित अधिकार एवं समाजसेवा में ः बासुदेव सिंह, ललितपुर 3. पत्रकारिता में ः प्रिंस राजेष गाबा, भोपाल 4. लोक नृत्य एव अभिनय में ः डॉ. प्रिया जैन, सागर 5. बाल संरक्षण के लिए ः एड. दीपमाला सैनी, दामोह 6. बाल अधिकारो के लिए ः एड. संदीप कानूनगों, धार 7. इतिहास एवं पुरातत्व संरक्षण के क्षेत्र में : पूजा सक्सेना, हारदा 8. धुपद गायन के क्षेत्र में ः सुरेखा कामले, भोपाल 9. साहित्य के क्षेत्र में ः डॉ मोहन तिवारी,छतरपुर 10. समाज कार्य के क्षेत्र में : रघुनंदन विष्वकर्मा, भोपाल 11. समाजसेवीका : निरजा षर्मा, भोपाल 12. बाल साहित्य के क्षेत्र में : मालवीका दुबे, भोपाल 13. लोक गायन के क्षेत्र में : अषोक सिंह, भोपाल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि -सम्माननीय श्री मनोज श्रीवास्तव, पूर्व अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन ने कहा कि लोककलां, लोक आचार एवं लोक व्यवहार की व्याख्या को समझना है तो रामायण और महाभारत को सही तरीके से बिना किसी पूर्वाग्रह के पढ़ना चाहिए। हमारे देश में संस्कृति और व्यवस्था पर अद्धुत ग्रंथ भी है जो सनातन काल से वाचिक परंपरा से होते हुए यहॉं तक यात्रा कर विद्वानों के माध्यम से पहॅुंचे है। आज उन्होने कहा हमारे देष के तीज त्यौहार पर चीन जैसे देष वयवसायिक फयदा उठाते है दीवाली हम मनाते हैं पर व्यवसायिक लाभ चीन के लोग उठाते है होली हमारा त्यौहार है किन्तु रंग और पिचकारियां चीन से बनकर आता है। हमारा मध्यप्रदेष के में कला और संस्कृति का इतना बडा समागम और कलाकार है यदि हम अपनी कला और सजृनात्मकता का व्यावसायिक लाभ लेना चाहे तो भविष्य में पूरे विष्व में व्यावसायिकता का लाभ लेकर देष को समृद्ध और सषक्त कर सकते है। उपस्थित सभी कलाकारों का सम्मान किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री राहुल कोठारी ने कहा कि-भारतीय लोक संस्कृति से जुड़कर कार्य करने पर हम सबका विकास होगा तथा उन्होंने सृजनधर्मियों से अनुरोध किया कि वह अपनी लोक संस्कृति से जुड़कर कार्य करें जिससे हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत कर सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एस.सी. त्रिपाठी पूर्व डी.जी.पी. म.प्र. शासन ने कहा बुदेलखंड आकादमी का गठन होना चाहिये जिससे हम बुदेलखंड की संस्कृति का संरक्षण कर सकेंगे किन्तु यदि हमारे द्वारा इनके संरक्षण पर ध्यान नही दिया तो हम समृद्ध संस्कृति को क्षीण होने से नही बचा पायेंगे। डॉ अंजली पाण्डे ;एच.ओ.डी. एम.एल.बी. कालेज भोपालद्ध मालवा शैली के लोक चित्रों को प्रर्दषित किया गया। श्रीमति संगीता सक्सेना प्राचार्य कमला नेहरू उ. मा. क. वि. मालवा शैली लोक चित्र के लोक चित्रों को प्रर्दषित किया गया। डॉ रेखा भटनागर प्राख्यात चित्रकार मालवा पुरातन लोकशैली चित्र के लोक चित्रों को प्रर्दषित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव रघुनंदन विष्वकर्मा के द्वारा किया गया एवं उपस्थित सभी का आभार प्रर्दषन किया। संस्था के अध्यक्ष सतीष पुरोहित द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया एवं संस्था की गतिविधियों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डा. मोहन तिवारी द्वारा बंदेलखंड की संस्कृति पर लिखित रचना पर प्रकाष डाला एवं डां जयप्रकाष पालीवाल द्वारा हमारे भारत की समृद्ध कला और साहित्य पर प्रकाष डालते हुऐ अपने अंदाज से उपस्थित जन मानस का मन मोह लिया।

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