राज्य संग्रहालय में पाण्डुलिपियों का इतिहास विषय पर कार्यक्रम सम्पन्न



 लखनऊः 15 दिसम्बर, 2022

राज्य संग्रहालय, लखन्ऊ द्वारा आयोजित कला अभिरूचि पाठ्यक्रम की श्रृंखला के अन्तर्गत आज दिनांक 15 दिसम्बर, 2022 को पाण्डुलिपियों का इतिहास विषय पर मुख्य वक्ता श्री इन्दु प्रकाश पाण्डेय, पूर्व सहायक निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा पावर प्वाइन्ट के माध्यम से रूचिकर व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर वक्ता का स्वागत किया। डॉ० मीनाक्षी खेमका ने मुख्य वक्ता के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला।
इस श्रृंखला में प्रथमतः वक्ता द्वारा लेखन कला के प्राचीनतम उदाहरण पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि मानव द्वारा अपने भावों को चिन्हों के माध्यम से व्यक्त किया गया । मिस्त्र, सुमेरिया, मेसोपोटामिया, एशिया माइनर, टर्की, सिन्धु सभ्यता आदि सभ्यताओं में लेखन कला के विषय में विस्तार से समझाया तथा उस पर किय गये प्रतीकात्मक अंकन के विषय में समझाते हुए भावभिव्यजंना, आस्था एवं विश्वास के विषय में बताया। लेखन कला के क्रमिक विकास को बताते हुए मुहरों, मिट्टी की पट्टियां, अन्यांग के लेखयुक्त अस्थियों, चर्मलेख तथा लेखनकला के विषय दत्यादि के बारें में विस्तार से व्याख्या की। चीन की बांस पर पाण्डुलिपि लेखन कला एवं वेदों में लेखन कला के विषय में वर्णन को समझाया। पाण्डुलिपि के क्रमिक विकास के क्रम में बौद्ध ग्रन्थों एवं जैन ग्रन्थों का भोजपत्र, ताड़पत्र एवं कागज की पाण्डुलिपियों पर प्रकाश डाला। विकास के अगले चरण में मुगल शासकों के काल में कागज में सुलेखन कला एवं किताबों पर जिल्द का प्रथम बार प्रयोग मिलता है। मुगलों के पतन के साथ ही विभिन्न प्रान्तों में पाण्डुलिपियों का लेखन प्रचलित रहा तथा समय के साथ छापेखानों की शुरूआत हुयी तथा पुस्तकों (बुक प्रन्टिंग) की छपाई की शुरूआत के साथ ही हस्तलिखित ग्रन्थों की परम्परा का प्रायः अन्त हो गया ।
कार्यक्रम के अन्त में संग्रहालय के निदेशक डॉ० आनन्द कुमार सिंह ने वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये प्रश्नगत विषय के बारे में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम प्रभारी डॉ० मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक ने कार्यकम से सम्बन्धित नियमों की जानकारी दी। उक्त अवसर पर सुश्री तृप्ति राय, डॉ० अनिता चौरसिया, धनन्जय कुमार राय, प्रमोद कुमार सिंह, अनुपमा सिंह, शालिनी श्रीवास्तव, गायत्री गुप्ता, नीना मिश्रा, बृजेश यादव, सुरेश कुमार, सत्यपाल एवं परवेज़ आदि उपस्थित रहे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,