जल परिवहन का केंद्र बनेगा बनारस, कोलकाता के रास्ते निर्यात की संभावनाओं की तलाश
वाराणसी। धर्म व आध्यात्म की नगरी काशी जल परिवहन का केंद्र बनेगी। हर महीने गंगा में जलयानों के संचालन के साथ ही कोलकाता के रास्ते वस्तुओं के निर्यात की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके लिए गंगा किनारे बनी जेटी पर सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
वाराणसी के रामनगर में बने मल्टी माडल टर्मिनल से मालवाहक जहाज के संचालन की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अब इफको, एपिडा, एफसीआई आदि को जोड़कर इनके माल को जल परिवहन के जरिये बिहार और बंगाल ले जाया जाएगा। निर्यात स्थल तक भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। जलमार्ग से अनाज, खाद, यूरिया और सब्जियों को भेजने की तैयारी है। जनवरी में पहले माल वाहक जलयान को भेजकर इसे नियमित करने की कवायद भी की जा रही है। पिछले दिनों ही जल परिवहन मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी सुधांशु पंत और जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जयंत सिंह की मौजूदगी में जिला प्रशासन के साथ लंबी बैठक में इन मुद्दों पर रणनीति बनाई गई थी।
दरअसल, 2018 में मालवाहक जलयानों का संचालन हुआ था, लेकिन नेविगेशन सिस्टम विकसित नहीं हुआ था। इसके चलते रात में जलयानों का संचालन प्रभावित हो रहा था। अब कोलकाता से वाराणसी के बीच नदी में नेविगेशन सिस्टम विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है।