सांप-सपेरो का देश कहने वाले विदेशी भी आज भारत की टेक्नोलॉजी और संस्कृति का लोहा मान रहे हैं - जयवीर सिंह

पर्यटन एवं संस्कृति के विकास में लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी भूमिका का सम्यक निर्वहन करेगा -कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ: 27 दिसम्बर, 2022 उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में आज लखनऊ विश्वविद्यालय के मंथन कक्ष में संस्कृति विभाग के रेडियो जयघोष और लखनऊ विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। संस्कृति विभाग की तरफ से विशेष सचिव श्री आनंद कुमार सिंह तथा लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। श्री जयवीर सिंह को इस अवसर पर पर्यटन के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा पर्यटन एम्बेस्डर अवार्ड-2022 दिया गया है। श्री जयवीर सिंह ने कहा कि रेडियो जयघोष के माध्यम से विद्वतजनों के विचारों से विद्यार्थी प्रेरणा प्राप्त करेंगे। क्षमता का प्रदर्शन एवं जन-जन तक पहुंचने का प्लेटफार्म मिलेगा। उन्होंने कहा कि रेडियो जयघोष संस्कृति विकास में वरदान साबित होगा। उन्हांेने कहा कि संस्कृति समाज का मूल धरोहर होती है, इसके बिना कोई भी समाज/देश आगे नहीं बढ़ सकता। भारतीय संस्कृति ही भारत की ताकत रही है। हमारे यहां मुगल से लेकर अंग्रेजों तक विदेशियों ने आक्रमण किया, राज किया लेकिन हम अडिग रहे, जिसके पीछे मूल कारण रहा हमारी संस्कृति। ग्रामीण अंचलों ने ही सच्चे अर्थों में भारतीय संस्कृति ने रक्षा की है। श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मजबूत संस्कृति के बल पर ही हम आजादी की लड़ाई लड़े और जीते। वर्तमान समय में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश में देश व प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्तरोत्तर विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश संस्कृति और पर्यटन की दृष्टि से सबसे समृद्ध राज्य है। जरूरत अवसरों के उपयोग की है, जिसमें युवाओं को भागीदार होना है, इस कार्य में रेडियो जयघोष अहम कड़ी साबित होगा। आज हम टेक्नोलॉजी में भी हम किसी से पीछे नहीं है। कोरोना काल में जहां सभी एडवांस देश घुटनों के बल आ गये, वहीं भारत ने कोरोना महामारी का मजबूती से सामना किया है। हमने रिकार्ड तोड़ वैक्सीन बनाया और अपने देश के साथ-साथ विदेशों को भी उपलब्ध कराकर मानव जीवन की रक्षा की। सांप-सपेरो का देश कहने वाले विदेशी भी आज भारत की टेक्नोलॉजी और संस्कृति का लोहा मान रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने हर क्षेत्र में प्रतिभावान व्यक्ति दिया है जो हर क्षेत्र में विकास के सहयोगी बने हैं, और लखनऊ विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। लखनऊ विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई और शोध की बदौलत आगे भी देश को बहुआयामी व्यक्तित्व के लोग मिलते रहेंगे। मैं इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और छात्रों को बधाई देता हूं। रेडियो जयघोष के माध्यम से आप नया कीर्तिमान लिखने का काम अवश्य करेंगे। श्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन एवं संस्कृति विभाग आज कलाकारों को सीधे उनके खाते में पैसा दे रहा है साथ ही उनको कार्यक्रम हेतु मंच भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि सारे कार्यक्रम विश्वविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों, विद्यालयांे के माध्यम से आयोजित किये जाएंगे, जिससे कि भारत की संस्कृति की जानकारी गांव के अंतिम छोर तक पहुंचायी जा सके। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग इस दिशा में लगातार काम कर रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने मा0 मंत्री को आश्वस्त किया कि आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रदेश के हर हिस्से से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय को गुणवत्ता रैंकिंग में ए प्लस ग्रेड मिला है। लखनऊ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय है जिसे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में रैंकिंग प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि पर्यटन रोजगार के दृष्टिकोण से बहुत बड़ा सेक्टर है। यहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। वाराणसी के विश्वनाथ धाम कॉरीडोर बनने से यहां पर टूरिज्म का विकास बहुत अधिक हुआ है। इसी प्रकार अयोध्या या अन्य जगहों पर भी पर्यटन के क्षेत्र में विकास कार्य चल रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति के विकास में लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी भूमिका का सम्यक निर्वहन करेगा। छात्र अलग-अलग उद्यमिता के क्षेत्रों में जाएं, यह लखनऊ विश्वविद्यालय का प्रयास रहेगा। ‘‘दीप से दीप मिले, हाथ से मिले हाथ’’ तभी व्यक्तित्व का सम्पूर्ण रूप में विकास होगा। विशेष सचिव श्री आनंद कुमार ने कहा कि आधुनिकता के दौर में हम मूल संस्कृति को भूल रहे हैं, इसके संरक्षण की आवश्यकता है। सांस्कृतिक विरासत से परिचय विद्यार्थियों को जानकारी देने तथा विद्वत्वजनों के विचारों से रूबरू कराने के लिए हम रेडियो जयघोष को आगे बढ़ा रहे हैं।

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