राजस्व अभिलेखों में लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम मे दर्ज न करने का फायदा उठा कर.....(PIL) No. - 927 of 2022

लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता विनोद पांडे द्वारा ग्राम हैबतमऊ मवैया परगना व तहसील सरोजनीनगर, लखनऊ मे स्थित भूमि खसरा संख्या- 80स, 82, 83, 1394 , 1420, 1428 व 1437, पर स्थित लगभग 44 बीघा क्षेत्रफल भूमि के राज्य सरकार द्वारा अर्जित किए जाने के बावजूद राजस्व अभिलेखों में लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम मे दर्ज न करने का फायदा उठा कर रायबरेली रोड योजना के अन्तर्गत सेनानी बिहार सहकारी आवास समिति, भाष्कर सहकारी आवास समिति, गणेश सहकारी आवास समिति एवं सैनिक नगर सहकारी आवास समिति आदि द्वारा प्राधिकरण की अर्जित भूमि पर अवैधानिक भूखण्डों का विक्रय किए जाने के विषय को उठाते हुए एक जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, लखनऊ खंडपीठ के समक्ष योजित की गई, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, लखनऊ खंडपीठ की माननीय न्यायमूर्ति श्री देवेंद्र कुमार उपाध्याय एवं माननीय न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की दो सदस्यीय पीठ द्वारा उक्त श्री विनोद पांडे, अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान कड़ा रुख व्यक्त करते हुए विद्वान सरकारी वकील को अगले तिथि पर ज़िला मजिस्ट्रेट, लखनऊ से स्पष्ट कारण की जानकारी का माननीय न्यायालय को अवगत कराने हेतु आदेशित किया है कि ग्राम हैबतमऊ मवैया परगना व तहसील सरोजनीनगर, लखनऊ मे स्थित भूमि खसरा संख्या- 80स, 82, 83, 1394 , 1420, 1428 व 1437, कुल क्षेत्रफल 44 बीघा, राज्य सरकार द्वारा 1985 मे अर्जित किये जाने के इतने वर्ष बीत जाने के पाश्चात भी आज तक उक्त भूमि को लखनऊ विकास प्राधिकरण के नाम राजस्व के दतवेज़ों व अभिलेखों मे दर्ज क्यू नहीं किया गया है।

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