समलैंगिक विवाह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता पर कुठाराघात

ललितपुर, 02 मई 2023। विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल की एक अति आवश्यक बैठक श्री जगदीश मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई बैठक में वक्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाली याचिका को स्वीकृत किए जाने की ओर निंदा की बैठक में कहा गया कि हिंदुस्तान की भूमि संस्कारों मर्यादाओं और संस्कृति की भूमि है जहां विवाह को 16 संस्कारों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है, जो ईश्वर को साक्षी मानकर पूर्ण विवाह किया जाता है। न्यायालय द्वारा इस मामले की सुनवाई करना अनेक विवादों को न सिर्फ जन्म देगा अपितु भारतीय मर्यादाओं को भंग कर संपूर्ण सनातन संस्कृति पर कुठाराघात होगा। न्यायाधीशों को स्मरण रखना चाहिए कि हमारी संस्कृति में विभाग केवल यौन सुख भोगना ही नहीं अपितु संतति निर्माण करना पोषण वंश परंपरा को विकसित करना और उसे राष्ट्र को समर्पित उपयोगी नागरिक बनाना भी है। समलैंगिक विवाहों के चलते यह संभावनाएं सदैव के लिए समाप्त हो जाएंगे वक्ताओं ने कहा कि सदियों से भारतीय संस्कृति में विवाह दो व्यक्तियों और दो परिवारों के मध्य एक सामाजिक धार्मिक एवं संस्कारित मिलन होता है जबकि यह परंपरा निशाचरों के काल में भी समलैंगिकता को मान्यता नहीं थी यदि न्यायालय द्वारा इन दुष्कामो को मान्यता दी गई, तो यह अनेक विवादों को जन्म देगा संतान के लिए दत्तक संतान लेना तलाक के नियम संपत्ति अधिकार की विवाद अल्पसंख्यक का दर्जा मांगने के विवाद या आरक्षण जैसे अंतहीन विवाद जन्म लेंगे जो सर्वोच्च न्यायालय को चुनौती बन सकता है जबकि न्यायालय में रोजगार स्वास्थ्य अधिकार पर्यावरण संरक्षण आतंकवाद मजहबी कट्टरता से मुक्ति प्राप्त करने का अधिकार जैसे विवाद न्यायालय में लटके हुए हैं। इन प्राथमिक विषयों को छोड़कर सिर्फ कुछ अनैतिक कृत्य करने वाले अरब देशों की संस्कृति से प्रभावित चंद लोगों की इच्छा को ध्यान में रखकर इतनी तीव्रता दिखाना समझ से परे है वक्ताओं ने कहा कि जिस अप्राकृतिक कुकृत्य को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाता है और अपराधी घोषित कर सजा सुनाई जाती है उसको कर्म को कानूनी मान्यता देना या संविधान का उल्लंघन नहीं होगा इसलिए इस मामले को देश की संसद जहां कानून बनाया जाता हैं उस पर छोड़ दिया जाना चाहिए। वक्ताओं ने न्यायालय की उस कथन की घोषणा की जिसमें कहा गया कि हम इस मामले को ऊंची गंभीरता से लेंगे जैसे श्री राम जन्मभूमि के मामले को सुना था यह घोर निंदनीय है आपत्तिजनक है क्योंकि श्री राम जन्मभूमि के लिए हमने 500 वर्ष तक भीषण संघर्ष किया लाखों लोगों ने अपने प्राणों को उत्सर्ग किया और इस विषय की तुलना इस प्रकरण से करना समस्त हिंदू समाज संस्कृति सनातन साधु-संतों और भारतीय संस्कृति का अपमान है इस अपमानजनक टिप्पणी को तत्काल वापस लेना चाहिए। इस संबंध में विहिप और समस्त साधु संतों और समस्त सनातन को मानने वालों का स्पष्ट मत है संस्कारों और अपनी संस्कृति के राष्ट्र में इस प्रकार के प्रकरण एक कलंक है जिसे हिंदू समाज किसी भी हालात में सहन नहीं करेगा और इस प्रकरण को मान्यता दी गई तो पूरे देश में अराजकता का जो ज्वालामुखी फटेगा वह देश में एक भयावह स्थिति का निर्माण करेगा। बैठक की अध्यक्षता विहिप जिलाध्यक्ष नवल किशोर सोनी ने की बैठक में प्रांत मार्गदर्शक मंडल सदस्य सुधांशु हुण्डैत प्रांत मिलन केंद्र प्रमुख देवेंद्र गंगेले पूर्व प्रांत सह मंत्री रामगोपाल नामदेव जिला उपाध्यक्ष भरत रिछारिया राकेश सोनी जिला मंत्री शैलेंद्र बुंदेला, आरएस एस सह धर्म जागरण प्रमुख बृजेंद्र सिंह गौर, जिला कोषाध्यक्ष प्रमोद साहू जिला सह मंत्री प्रभाकर त्रिपाठी जिला सेवा प्रमुख, जिला प्रचार प्रमुख अंकित हिन्दू, नगर विशेष संपर्क प्रमुख नरेंद्र पाठक, प्रखंड अध्यक्ष बिरधा जितेंद्र सिंह, प्रखंड अध्यक्ष बार विजय बुंदेला, प्रखंड अध्यक्ष तालबेट जगदीश पुरोहित, प्रखंड अध्यक्ष मडावरा मनोज नायक, प्रखंड मंत्री जखौरा मनोज सोनी, बजरंग दल जिला संयोजक विजय बजरंगी, बजरंग दल नगर संयोजक संजय सेन, आदि उपस्थित रहे बैठक का संचालन जिला सह मंत्री रामेश्वर मालवीय ने किया।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

कर्नाटक में विगत दिनों हुयी जघन्य जैन आचार्य हत्या पर,देश के नेताओं से आव्हान,