"नौजवानों में बढ़ती जा रही नशे की प्रवृत्ति"

बांगरमऊ उन्नाव ।। एक तरफ जहां युवा वर्ग से देश को काफी आशाएं हैं, वहीं दूसरी ओर माता-पिता भी अपने जवान बेटों को देखकर उनसे काफी उम्मीदें लगाने लग जाते हैं। लेकिन अच्छे संस्कार न मिलने के कारण या गलत संगत के चलते कुछ युवा गलत आदतों के भी शिकार हो जाते हैं। जिसके चलते क्षेत्र में आजकल युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही है। क्षेत्र में स्थित शराब के ठेकों पर शाम में जब नशेडिय़ों की भीड़ जुटती है तो उसमें से आधी से ज्यादा युवा वर्ग की देखने को मिलती है। विशेष तौर पर इस युवा वर्ग में भी वे युवा शामिल है तो शिक्षित व धनाढय़ परिवार से संबंध रखते हैं। अगर यह कहा जाए कि युवा वर्ग में नशा करना एक फैशन की बात हो गई है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अगर समय रहते युवा वर्ग में बढ़ती नशाखोरी पर कोई नियंत्रण नहीं रखा गया तो ये धारणा भविष्य के लिए खतरा बन सकती है। युवा वर्ग में नशा करने के बाद लड़ाई-झगड़ा करना भी एक आम बात हो गई है। क्षेत्र में जितने भी अपराध हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर अपराधी युवा वर्ग से ही आते हैं, जो एक चिंता का विषय है। दूसरी तरफ प्रदेश सरकार की आबकारी नीति भी युवा वर्ग को नशे की गर्त में धकेल रही है जिसका कारण एक और भी है कि मुख्य मार्गों पर जगह- जगह शराब के ठेके ओर ठेकों के पास ही शराब पीने के स्थान बने हुए हैं। जिससे युवा वर्ग को आसानी से शराब व बीयर उपलब्ध हो जाती है। वहीं उसे सुविधाजनक तरीके से शराब पीने का स्थान भी मिल जाता है। उधर, एक बात ओर देखने में आई है कि विवाह या अन्य समारोह में युवाओं की तादाद ज्यादा दिखाई देती है और उनमें से अधिकतर युवा इन समारोह में नशे का शिकार होते हैं। कुछ युवा तो नशा करने के बाद यह कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं, कि आज यह समारोह होने के कारण ही उसने नशा किया है लेकिन यही आदत धीरे-धीरे उसको नशे का आदी बना देती है। यहां यह करने में भी अतिश्योक्ति नहीं होगी की विवाह समारोह में युवा अपने अभिभावकों के सामने ही शराब आदि का नशा कर लेता है लेकिन अभिभावक भी अपने युवा बेटे की इस हरकत पर कोई ध्यान नहीं देता है। माता-पिता की यह छोटी सी गलती ही उसके युवा बेटे को नशे की गर्त में धकेल देती। अगर अभिभावकों ने समय रहते अपने बच्चों की ओर ध्यान नहीं दिया तो ऐसी नशे की लत उनके सिर पर सवार हो जाएगी, जो आगे भविष्य में बहुत चिंता का विषय बनेगी। जिससे परिवार, समाज और देश का काफी नुकसान होगा।
फजलुर्रहमान पत्रकार बांगरमऊ

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