राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा-फाउन्डेशनल स्टेज का विकास करना तथा मिलकर निपुण प्रदेश के सपने को साकार करना है-विजय किरन आनन्द

एस०सी०ई०आर०टी०, उ0प्र0 द्वारा आयोजित राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा-फाउण्डेशनल स्टेज (ैब्थ्.थ्ै) के विकास हेतु आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न लखनऊ: 21 जुलाई, 2023 राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा-फाउण्डेशनल स्टेज के विकास हेतु राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला का आज तीसरा दिन था। तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिवस को सभी प्रतिभागियों को दस समूहों में विभाजित किया गया। प्रत्येक समूह को राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा से सम्बन्धित विभिन्न विषय आवंटित किये गये। प्रत्येक समूह द्वारा आवंटित विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया तथा ैब्थ् की रूपरेखा के विकास पर कार्य किया गया। यह कार्य अभी जारी रहेगा तथा आगामी कार्यशाला में ड्राफ्ट को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा। कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए महानिदेशक, स्कूल शिक्षा श्री विजय किरन आनन्द ने कहा कि उ0प्र0 राज्य की पाठ्यचर्या की रूपरेखा ऐसी होगी, जिससे शिक्षक कक्षा-कक्ष में उत्कृष्ट पद्धतियों के संवाहक बनें तथा बाल-केन्द्रित गतिविधि एवं आनन्ददायक शिक्षण अधिगम प्रक्रिया संचालित कर सकें। हमें राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा-फाउन्डेशनल स्टेज का विकास करना तथा मिलकर निपुण प्रदेश के सपने को साकार करना है। उन्होंने एस०सी०ई0आर0ओ0 के कार्यों की सराहना करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि निश्चित रूप से उच्च गुणवत्तापूर्ण पाठ्यचर्या का निर्माण होगा। अपर राज्य परियोजना निदेशक श्री मधुसूदन हुल्गी जी ने कहा कि हम सभी को मिलकर एक ऐसी राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विकास करना है जो न केवल आज की आवश्यकताओं के अनुरूप हो बल्कि राज्य की स्थानीय विशेषताओं का भी ध्यान में रखता हो। विदित हो कि कार्यशाला में देशभर के प्रख्यात शिक्षाविदों ने राज्य की पाठ्यचर्या रूपरेखा बनाने वाली टीम का मार्गदर्शन किया। भारत सरकार द्वारा फाउण्डेशनल स्टेज हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (छब्थ्.थ्ै) जारी की जा चुकी है तथा उसी क्रम में उत्तर प्रदेश द्वारा भी अपना राज्य पाठ्यचर्या के रूपरेखा-फाउण्डेशनल स्टेज (ैब्थ्.थ्ै) बनाया जा रहा है। देश के प्रख्यात शिक्षाविदों में लर्निंग एण्ड लँग्वेज फाउण्डेशन के निदेशक, डॉ० धीर झिंगरन, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की उप सचिव व शिक्षाविद डॉ० रितु चन्द्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अमिता वाजपेयी, एन०सी०ई०आर०टी०, नई दिल्ली के प्रोफेसर एण्ड हेड, प्रकाशन विभाग डॉ० अनूप राजपूत तथा यूनिसेफ के एजुकेशन स्पेशलिस्ट श्री ऋत्विक पात्रा द्वारा ैब्थ् से सम्बन्धित विभिन्न विचार व्यक्त किये गये। केयर इंडिया, नई दिल्ली की सुश्री सिन्ड्रेला बोस एवं सुश्री अनुष्ना झा, एन०सी०ई०आर०टी० आर०आई०ई०, भोपाल के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ० गंगा महतो, आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान, प्रयागराज के प्राचार्य, डॉ० स्कंद शुक्ला, श्रीमती शिखा शुक्ला, विशेषज्ञ, प्री-प्राइमरी यूनिट, राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, स्टडी हॉल की सी०ई०ओ०, डॉ० उर्वशी साहनी सहित अन्य शिक्षाविदों द्वारा भी अपने बहुमूल्य विचार रखे गये। कार्यशाला में आरम्भिक साक्षरता, जेंडर समावेशन तथा सोशियो-इमोशनल विषय के साथ-साथ विद्यालयों के आनंददायी वातावरण सृजन के घटकों, बुनियादी स्तर के लिए भाषा शिक्षण, विशेष रूप से अंग्रेजी, के विषय में एवं आकलन के तरीकों पर प्रकाश डाला गया। साथ ही प्रदेश में संचालित प्री-प्राइमरी शिक्षा की वर्तमान गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी । कार्यशाला के अन्तिम दिवस प्रतिभागियों द्वारा समूह में विषयवार रूपरेखा तैयार की गयी। डॉ० पवन सचान, निदेशक, एस०सी०ई०आर०टी० ने प्रतिभागियों द्वारा विगत दो दिवसों में हुए सत्रों में सक्रिय प्रतिभागिता की प्रशंसा की। डॉ० पवन सचान द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिये गये तथा कार्य को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने हेतु प्रेरित करते हुए यह अपेक्षा की कि सभी प्रतिभागी विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव, अनुसंधान, अध्ययन व नीति दस्तावेजों के बेहतरीन आयामों को ैब्थ्.थ्ै में शामिल करेंगे, ताकि राज्य की पाठ्यचर्या की रूपरेखा स्थानीय, राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर के मानकों के अनुरूप नागरिकों का विकास करने में सहायक सिद्ध हो सके। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश एक बेहतरीन पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित करने वाला देश का अग्रणी राज्य बनेगा। आप सभी इस कार्य को समयबद्धता एवं पूर्ण निष्ठा से करेंगे। आपके योगदान को सदैव स्मरण रखा जाएगा। कार्यशाला में श्रीमती दीपा तिवारी, उप शिक्षा निदेशक, श्रीमती पुष्पा रंजन, प्रशासनिक अधिकारी, श्री अजय कुमार गुप्ता, सहायक उप शिक्षा निदेशक, श्रीमती शिप्रा सिंह, प्रवक्ता (शोध), एस०सी०ई०आर०टी०, युनिसेफ के डॉ० महेन्द्र कुमार द्विवेदी व डॉ० शुभ्रांशु उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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