हिंदी हीन भावना नहीं बल्कि गौरव की भाषा : डॉ लीना मिश्र

बालिका विद्यालय में हिंदी दिवस का आयोजन
हम सब का अभिमान है हिंदी, भारत देश की शान है हिंदी
आज विश्व में हिंदी और हिन्दुस्तानियों का बोलबाला है। लगभग 80 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोलते और समझते हैं। यह विश्व की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसलिए चौदह सितंबर को हिंदी दिवस पर उत्सव मनाना केवल रस्म नहीं है बल्कि हमारा गौरव है कि आज वैज्ञानिक युग में हिंदी की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है। यह बात डॉ लीना मिश्र, प्रधानाचार्य, बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर, लखनऊ ने विद्यालय में हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही। विद्यालय में हिंदी दिवस का आयोजन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय की हिंदी प्रवक्ता ऋचा अवस्थी के निर्देशन में हुआ और छात्राओं ने हिंदी के महत्व को दर्शाते हुए बहुत सारे स्लोगन और गीत लिखे। प्रधानाचार्य ने कहा कि भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरिशस, यमन, युगांडा, कनाडा, फिजी आदि देशों में हिंदी बोली और समझी जाती है। अनेक देशों में हिंदी व्यापार के माध्यम से प्रचलित और अपनी मिठास एवं सहजता के कारण लोकप्रिय हो गई।
भारत देश में 14 सितंबर, 1949 को संवैधानिक रूप से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। संविधान के अनुच्छेद 343 में यह प्रावधान किया गया कि देवनागरी लिपि के साथ हिंदी भारत की राजभाषा होगी। हिंदी जानने, समझने और बोलने वालों की बढ़ती संख्या के चलते अब विश्व भर की वेबसाइट हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि को महत्त्व दे रही हैं। ईमेल, ईकॉमर्स, ईबुक, इंटरनेट, एसएमएस एवं वेब जगत में हिंदी सहज उपलब्ध है और बहुतायत में प्रयोग की जाती है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आइबीएम सहित अन्य बड़ी कंपनियां हिंदी को बढ़ावा देकर न कि सिर्फ भारी मुनाफा कमा रही हैं बल्कि उनके व्यवसाय का विस्तार हुआ है। हिंदी भाषा अब चीन के अनेक संस्थानों सहित अमेरिका के 32 विश्वविद्यालयों, ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और यॉर्क यूनिवर्सिटी और जर्मनी के 15 शिक्षण संस्थानों ने हिंदी भाषा और साहित्य को अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया है। प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए हमें इसके प्रयोग में हीन भावना नहीं बल्कि गर्व करना चाहिए। उन्होंने हिंदी के महत्व को बताते हुए एक कविता भी प्रस्तुत की और छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे उसके उच्चारण और लेखन पर बहुत ध्यान दें। ऋचा अवस्थी ने भी हिंदी कविता प्रस्तुत की और अनीता श्रीवास्तव ने छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे सभी नित्य नए शब्द खोजें और उनको अपने प्रयोग में लाएं। इस कार्यक्रम के आयोजन के समय विद्यालय की समस्त शिक्षिकाएं उपस्थित थीं। कक्षा 10 की छात्राओं सृष्टि सिंह, बुशरा ने हिंदी के महत्व को बताते हुए कविता प्रस्तुत की। कक्षा 12 की छात्राओं प्रीति, मधु, कीर्ति, नैना और रोशनी ने हिंदी के महत्व को समझाते हुए सुंदर स्लोगन लिखे तथा कक्षा 8 की छात्राओं हर्षिता, आफिया, सुमन और खुशबू ने भी स्लोगन के माध्यम से हिंदी के महत्व को समझाया। href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgQ_WuCJ1snOuyTsGg_scnW3HrMTLY0IbemAwrsCXOQUR5ykJ3dfUpe3ewgmsiquGScJFoHRUupLDd97XQp4nnOeTnF_5Hb6mcWQi36ABUgxYdYnyQmtuhEd4hNXsR8T2uo8Kn7sTrl6YtzO4krbKmP4t9Z-jchR2qmOGSd5hprki2xM--qZWoGtrqLK7o9/s1600/74e0468c-f4f8-4c0d-b8c3-d4701f2ef179.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; ">

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