दो IAS के बीच घमासान में हीरो बना उपनिदेशक मयंक गंगवार

लखनऊ : राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) कपिलदेव अग्रवाल के व्यावसायिक शिक्षा विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. व्यावसायिक शिक्षा विभाग में तैनात एक उप निदेशक शासन और विभाग के सभी अधिकारियों पर हावी है. बताया जाता है कि उपनिदेशक मयंक गंगवार की हनक शासन स्तर तक है, लिहाज़ा कोई कुछ न तो खुलकर बोल रहा और न बता रहा है. कुछ दिन पूर्व विभाग में निदेशक के पद पर तैनात आईएएस यशु रुस्तगी को विभाग में कई स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई. जांच में कई बड़ो के नाम आने पर उन्होंने तमाम अधिकारियों के कार्यों में फेरबदल किया. जांच के दौरान उपनिदेशक मयंक गंगवार ने शासन में अपनी ऊँची पहुँच के चलते तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति करा ली. प्रतिनियुक्ति हुए मात्र तीन माह हुए थे कि ईमानदार छवि वाली आईएएस यशु रुस्तगी का निदेशक पद से तबादला हो गया. तत्पश्चात आईएएस कुणाल सिलकू को कार्यवाहक निदेशक का चार्ज दिया गया. सिलकू के चार्ज लेते ही उपनिदेशक मयंक गंगवार फिर से सक्रिय हुए. अपनी पहुँच और शासन की अनुमति पर प्रतिनियुक्ति पर कौशल विकास मिशन में तैनात मयंक गंगवार को फिर से विभाग में वापस लेने और लगभग सभी महत्वपूर्ण कार्य को संभालने संबंधी निदेशक का पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. आईएएस कुणाल सिलकू द्वारा दिनांक 14 सिंतबर 2023 को व्यवसायिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को लिखें पत्र में मयंक गंगवार को चार्ज दिए जाने का जिक्र किया गया है. खास बात यह है कि इस पत्र में वित्त जैसे महत्वपूर्ण कार्य सिर्फ़ उपनिदेशक मयंक गंगवार से कराए जाने को कहा गया है. आपको बता दे कि पूर्व में तैनाती के दौरान निदेशक आईएएस कुणाल सिलकू सभी कार्य उपनिदेशक मयंक गंगवार से ही करवाते थे. ऐसे में एक आईएएस अधिकारी का पत्र विभाग में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा इस बात की है कि एक पूर्व निदेशक आईएएस यशु रूस्तगी भ्रष्टाचार की जांच कराती है, तो वही मौजूदा निदेशक आईएएस कुनाल सिलकू उस उपनिदेशक को प्रतिनियुक्ति के बावजूद सभी महत्वपूर्ण कार्य देने संबंधी पत्र लिखते है. निदेशालय में इस बात की भी चर्चा है कि उपनिदेशक मयंक गंगवार जब से नौकरी में आये है तबसे लखनऊ में ही तैनात है. हालाँकि इस पूरे मसले पर व्यवसायिक शिक्षा मंत्री कपिलदेव अग्रवाल को भनक तक नहीं है.

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