उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन
लखनऊ: दिनांक: 05 अक्टूबर, 2023
उत्तर प्रदेश के दुग्धशाला विकास विभाग द्वारा प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को अनुमन्य वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं सुविधाओं के सम्बंध में दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन करते हुए आदेश जारी कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव, दुग्ध विकास विभाग डा0 रजनीश दुबे की तरफ से जारी शासनादेश में आरक्षित भूमि के श्रेणी परिवर्तन शुल्क में छूट तथा भू-उपयोग परिवर्तन एवं वाह्य विकास शुल्क में छूट के सम्बंध में व्यवस्था की गई है।
आरक्षित भूमि के श्रेणी परिवर्तन शुल्क में छूट के संबंध में व्यवस्था की गयी है कि इस नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाले परियोजना स्थल के मध्य आने वाली आरक्षित श्रेणी की भूमियों जैसे चकरोड आदि का श्रेणी परिवर्तन निःशुल्क किया जायेगा तथा आरक्षित श्रेणी की भूमि चकरोड, नाली इत्यादि के विनिमय के फलस्वरूप दी जाने वाली भूमि पर चकरोड, नाली इत्यादि का निर्माण निवेशक/संस्था द्वारा स्वयं कराकर दिया जायेगा।
भू-उपयोग परिवर्तन एवं वाह्य विकास शुल्क में छूट के संबंध में कहा गया है कि इस नीति के अन्तर्गत आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण उ0प्र0 एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों के लिए कृषि भूमि में स्थापित होने की स्थिति में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क की दर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी।
इस नीति के अन्तर्गत आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरण एवं औद्योगिक विकास विभाग के अधीन उ0प्र0 राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उ0प्र0 एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को बाह्य विकास शुल्क की दर में 75 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी।
उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022, अधिसूचना की तिथि से 05 वर्षों के लिए प्रभावी होगी। उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 की प्रख्यापन तिथि से पूर्व, दुग्ध विकास विभाग में तथा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के पोर्टल पर दुग्ध प्रसंस्करण से सम्बंधित, प्राप्त आवेदनों, जिनको उक्त कट आफ तिथि से पूर्व बैंक ऋण स्वीकृत हो चुका है, को उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 के अन्तर्गत अनुमन्य अनुदान एवं रियायतें स्वीकृत की जायेंगी।