डेढ़ बिस्वा जमीन-लेखक : बृजलाल
अपराध की दुनिया का कच्चा चिट्ठा बयां करती है- 'डेढ़ बिस्वा जमीन।' यह पुस्तक न केवल अपराध की दुनिया की सिलसिलेवार ढंग से जानकारी देती है, बल्कि उसके पीछे के कारणों पर भी रोशनी डालती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, गाजीपुर और वाराणसी की धरती 1980 1990 और 2000 के दशक में गैंगवार का गढ़ थी। उस दौर के अपराध से जुड़े एक-से-एक किस्से हैं। ऐसा ही एक किस्सा है, गाजीपुर के ग्राम मुड़ियार, थाना सैदपुर में रहनेवाले ठाकुर नौबत सिंह का। उनका परिवार गांव का सुखी और सम्मानित परिवार था। लेकिन एक डेढ़ बिस्वा जमीन के टुकड़े के कारण इस परिवार के भाई-भाई, एक-दूसरे के दुश्मन न अपराध की दुनिया से जुड़ गए और गाजीपुर में गैंगवार की शुरूआत के कारण बने । पुस्तक में सैंतीस अध्याय हैं। इसमें साहिब सिंह गैंग, पिता की हत्या का प्रतिशोध लेने के लिए बृजेश सिंह के माफिया बनने, सिकरौरा नरसंहार से लेकर शहाबुद्दीन, मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के माफिया सिंडिकेट पर विस्तार से चर्चा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हत्याओं और खत्म होते माफिया सिंडिकेट पर भी जानकारी है।