मन, शरीर व अन्तःकरण को जीवंत रखने की संजीवनी, अमृता योग :स्वामी मोक्षमृता चैतन्य.




राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों ने सीखे, सदैव स्वस्थ व प्रसन्न रहने के सूत्र.



फ़रीदाबाद, देश के प्रसिद्ध अमृता हॉस्पिटल के प्रांगण में आयोजित आई. ए. ऍम. कार्यक्रम में एन. सी. आर. के पिपसुओ ने पूज्य अम्मा माता अमृतानन्दमयी देवी द्वारा अंवेषित योग साधना विधि से हर स्थिति में सहज़ व ऊर्जावान बने रहने के सूत्र सीखकर आनंद की अनुभूति की.

कार्यक्रम का शुभारम्भ पूज्य अम्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर उनकी स्तुति से हुआ. अमृता हॉस्पिटल की सेवा टीम प्रमुख श्रीमती गुरमृता संधू ने स्वामी मोक्षामृता चैतन्य व स्वामी हर्षामृता चैतन्य का स्वागत कर उनका परिचय दिया. विगत 20 वर्षों से जारी इस साधना विधि के बिषय में स्वामी हर्षामृता जी ने बताया कि देश की सेना, विद्यार्थियों, उच्चपदाधिकारीयों व गृहणियों को इस साधना विधि से शिक्षित कर उनके जीवन में सर्वांगीण विकास लाया गया है. यह ध्यान विधि पूर्ण वैज्ञानिक व पंथ निरपेक्ष है.

उन्होंने 20 मिनिट की इस साधना के हर स्टेप को कर के दिखाया व साथ साथ सभी योग साधको ने कर आनंद लिया. इस क्रिया में शारीरिक व्यायाम के साथ साथ मानसिक व आध्यात्मिक जागरण सिखाया जाता है, जिससे साधक ऊर्जा, जीवंतता व शांति का अनुभव करते हैं. अंत में शवासन के माध्यम से देह को शिथिल कर ऊर्जा व शांति मिलतीहै.

   3घंटे के सत्र में योग की सभी क्रियायें साधकों ने आनंद व उत्साह से कीं. इनमें दिल्ली एन. सी. आर. के उद्यमी, डॉक्टर, इंजिनियर, शिक्षक, विद्वान् मनीषी व सामान्य नागरिक सम्मिलित हुए.

  यह कार्यक्रम पूरे विश्व में अम्मा की ओर से पूर्ण निशुल्क सिखाया जाता है, साथ में जलपान, स्वल्पाहार व्यवस्था  व साहित्य भी आयोजकों  की ओर से की जाती है. विश्व भर में अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों ने इस योग साधना विधि को सीखा है.इसकी बिशेषता यह है कि यह अत्यंत व्यस्त लोगों की जीवन चर्या को ध्यान में रखकर पूज्य अम्मा ने बनाया है. जहाँ अन्य योग विधियों में 45 मिनिट से दो घंटे का समय लगता है, यह मात्र 20 मिनिट में संपन्न होने वाली अनुपम योग साधना विधि है.

कार्यक्रम के अंत में श्रीमती गुरमृता संधू ने दोनों स्वामियों का आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती भारती, इंजिनियर प्रवीण बिष्ट, श्रीमती उमा जी, श्री विशाल बत्रा, टीम ए ओ सी, टीम एच आर, टीम जनसंपर्क अमृता हॉस्पिटल फ़रीदाबाद का समर्पित सहयोग रहा.

सभी सहभागिता करने वालों ने माता अमृतानन्दमयी मठ के प्रति आभार व्यक्त किया. स्वामी मोक्षमृता जी, जो अम्मा के अयुद्ध संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, ने जन जन से यह योग ध्यान विधि सिखने का आव्हान किया.


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