अतिरिक्त निदेशक, नीति आयोग नई दिल्ली को ज्ञापन देकर अनुदेशकों ने की नियमितिकरण की मांग




* उत्तर-प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 30 हजार अनुदेशक हैं कार्यरत 

* 11 वर्ष होने को हैं, फिर नहीं हुए नियमित, कम मानदेय में परिवार चलाना हो रहा है मुश्किल 


मड़ावरा-ललितपुर।

अतिरिक्त निदेशक, नीति आयोग नई दिल्ली सुश्री गार्गी राव को मड़ावरा में अनुदेशकों द्वारा सामूहिक रुप से ज्ञापन देकर नियमितिकरण करने की मांग की गई। अतिरिक्त निदेशक, नीति आयोग नई दिल्ली सुश्री गार्गी राव को सौपें ज्ञापन में अनुदेशकों ने उल्लेख किया है कि उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 30 हजार अनुदेशक कार्यरत हैं। नई शिक्षा नीति के तहत अनुदेशकों ने नियमित किए जाने की मांग की है। 


ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि उत्तर-प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक अनुदेशक वर्ष 2013 से अल्प मानदेय मात्र 9000 रू0 पर कार्यरत हैं। वर्ष 2013 में कला शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा अनुदेशकों की नियुक्ति उत्तर-प्रदेश द्वारा उन उच्च प्राथमिक विद्यालयों की गयी थी जहां पर 100 की छात्र संख्या थी। अंशकालिक अनुदेशकों से उ0प्र0 सरकार द्वारा वर्ष 2013 से निरंतर पूर्णंकालिक शिक्षक की भांति शिक्षण कार्य लिया जा रहा है। पुष्टि के लिए विद्यालय की अध्यापक उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया जा सकता है। 


नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कला शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा विषय को मुख्य विषय माना गया है। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त अंशकालिक अनुदेशकों को नियमित किया जाए।

अंशकालिक अनुदेशकों से विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 11 माह के लिए पार्ट टाइम का अनुबंध लिया जाता है, इसके बाद भी विभाग द्वारा अनुदेशकों से वर्ष 2013 से निरंतर पूर्णंकालिक शिक्षक की भांति शिक्षण कार्य लिया जा रहा है। देश एवम् प्रदेश में  दिन प्रतिदिन मंहगाई बढ रही है, उत्तर-प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशक लगभग 11 वर्ष से कार्यरत हैं। मंहगाई बढने के सापेक्ष अनुदेशकों को बहुत ही कम मानदेय मिल रहा है। अनुदेशक 9000 रू0 के अल्प मानदेय पर कार्य कर रहें हैं, अल्प मानदेय में परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है।


उल्लेखनीय है कि मध्य-प्रदेश में मध्य-प्रदेश सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाती है मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों का 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्णं करने पर उनको स्थायी नियुक्ति दे दी जाती है। महोदय, उत्तर-प्रदेश में अनुदेशक वर्ष 2013 से उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं, लगभग 11 वर्ष होने को हैं। मध्य-प्रदेश की भांति उत्तर-प्रदेश में भी संविदा कर्मियों को नियमित करने की नियमावली बनाकर अनुदेशकों को स्थायी नियुक्ति दी जाए। 

अनुदेशकों का ट्रांसफर सिर्फ उन उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किया जा रहा है जिन विद्यालयों को वर्ष 2013 में भर्ती के लिए चयनित किया गया था, यह अत्यंत विसंगतिपूर्णं है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सभी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। अतः 100 की बाध्यता समाप्त की जाए। अनुदेशकों के ट्रांसफर हेतु प्रदेश के सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों को ऑन लाइन पोर्टल पर खोला जाये, अनुदेशक ट्रांसफर ग्राम पंचायत/न्याय पंचायत/ब्लाॅक स्तर/तहसील स्तर पर निवास स्थान के नजदीक किये जायें जिससे कि सभी अनुदेशकों को सही रूप में ट्रांसफर प्रक्रिया का लाभ मिल सके। उन्होने सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए अनुदेशकों को नियमित करने तथा समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।


इस दौरान दीपक सोनी, ब्लॉक अध्यक्ष, पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति, इमरान खान महामंत्री, अनुदेशक श्याम किशोर, मानसिंह, जुबैर खान, प्रतिभा, मुनीन्द्र, मनोज, इकलाख अहमद आदि उपस्थित रहे।


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