राखी का त्योहार

 यह धरती है बहना सबकी,

भाई सारा आकाश।

दूर क्षितिज पर आज मिलेंगे,

है राखी का त्योहार।।

बहना तेरे घर की माटी,

सदा रहे सुखदाई ।

रहे प्यार का अमृत मेरा,

तू रहे सदा हरषाई।।

चंदा-सूरज की राखी ले,

भाई-घर पहुंची बहना।

रम्य रश्मि से भाल सजाकर,

खुश हो बोली बहना।। 

रम्य रश्मि से भाल सजाकर,

खुश हो बोली बहना।।

भैया  देखो  सृष्टि  बनी है,

साक्षी पावन पल की।

घड़ी  बड़ी आई  है सुंदर,

भाई-बहन मिलन की।।



माया अग्रवाल, वीणा 

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