रही मित्रता श्याम सुदामा,जीवन में अनुकरण करो।
/////////////////////मित्रता दिवस////////////////////
रही मित्रता श्याम सुदामा ,जीवन में अनुकरण करो।
भूलें बिसरे दुःखी मित्र का सचमें जाकर वरण करो।
जो भी मित्र दुखी सचमें हों उनका नित सम्मान करो।
घर आवे संकट पड़ने पर धन ,बल दे कर मान करो।
मित्र बनाया रघुनंदन ने कपिपति को भय मुक्त किया।
मित्र विभीषण को अपनाके लंकापति का तख्त दिया।
केवट गीध निषाद राज को,तात समझ सम्मान दिया।
अपने सेवक परम भक्त का हृदय लगाके मान किया।
वह सुख में हो भले भुलाएं ,दुख में उनके घर जाना।
तन मन धन सहयोग करें,संकट में जाकर समझाना।
निर्मल भाव बनाए रखना,उसका दिल दुख जाए ना।
करके न अहसान जताना ,उसका दिल शरमाए ना।
सीताराम साहू'निर्मल'छतरपुर मप्र