दुबई निवासी प्रवासी भारतीय लेखक डॉ. नितीन उपाध्ये की प्रसि़द्ध पुस्तक "उलझी सुलझी कथाएं", पर नव वर्ष 2025 पर विशेष छूट
नव वर्ष 2025 पर विशेष छूट
आज की दौड़-भाग की ज़िन्दगी में घटनाओं में भी धक्का मुक्की हो रही है। पात्र चरित्र और बदलते परिवेश की अभिव्यक्ति के लिए जैसे छटपटाहट बढ़ रही है। ऐसे में घटनाओं के मकड़जाल को छोटी-छोटी कथाओं में समेट लेना लघुकथाओं के कलेवर में सहेज लेना एक अन्यतम कौशल को प्रदर्शित करता है। नितीन उपाध्ये का लघुकथा / लघु कथा संकलन इसी की जैसे घोषणा कर रहा हो। उलझी सुलझी कथाओं में उलझी गुत्थियों को बड़े करीने से सुलझाया है। इसमें प्रकृति का समय- समय पर उलझनें पैदा करना और मानवीय संवेदना से उन्हें समाधान की ओर ले जाने का रोचक प्रयास है। उलझनें सुलझाना - अनकही को कहने के लिए उपयुक्त कथ्य जन्म लेता है। लेखक सभी समस्याओं को चुनौतियों की तरह स्वीकार करके उनके लिए उपयुक्त पात्र, संवाद, लघु रूप में समाधान देने की क्षमताएं प्रदान करने को इन सभी लघुकथाओं में बड़े सहज ढंग से समाहित करता है। उसके पात्रों में सम्बन्धों के सूत्र रोचकता की डोर से बंधे है। कहानियो के पात्र आपको अपने आस-पास मिलेगे । घर-घर में मिलेंगे, और प्रत्येक कहानी प्रतीत होगी कि वह आपके साथ घटित हो रही है। लघु कथाओं में कथ्य भी सराहनीय है। कहानियों के अन्त भी नाटकीय होने के कारण कई बार चौंका देते है। किसी भी लेखन की उत्कृष्टता का यही मापदंड होता है और नितीन उपाध्ये की कहानियाँ इस कसौटी पर खरी उतरती हैं। कथाकार को मेरी शुभकामनायें और शुभाशीष पाठकों को इसे पढ़ने के बाद उनके अन्य ग्रन्थों की भी प्रतीक्षा रहेगी।
डॉ. सरोजिनी प्रीतम
दिल्ली, भारत
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पुस्तक : उलझी सुलझी कथाएं,
लेखक :डॉ. नितीन उपाध्ये,
प्रकाशक: शतरंग प्रकाशन, एस-43, विकास दीप बिल्डिंग, द्वितीय तल, स्टेशन रोड, लखनऊ-226001
संपर्क:Mo: 8787093085,Email : Ltp284403@gmail.com
मूल्य :₹350
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