अहिल्याबाई होल्कर सामाजिक परिवर्तन की वाहक रहीं: मनोज कुमार
अहिल्याबाई होल्कर ने भारत में सांस्कृतिक एकता का परचम लहराया- डा. सुशील चन्द्र त्रिवेदी रिश्तों की सुगंध केवल भारत में ही मिलती है-डा.पवन पुत्र बादल अखिल भारतीय साहित्य परिषद अवध प्रान्त की ओर से मंगलवार को हिन्दी संस्थान के मुंशी प्रेमचन्द सभागार में 'अहिल्या बाई होल्कर का जीवन दर्शन' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के बाद संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर सामाजिक परिवर्तन की वाहक रहीं। घुमंतू समाज को स्थापित किया। भीलों के लिए भील कौड़ी की शुरुआत की और उन्हें कृषि के लिए प्रेरित किया। युद्ध क्षेत्र में स्वयं जाकर सैनिकों का उत्साह बढ़ाती थी। महिलाओं की सेना का गठन किया। राज्य की आय कैसे बढ़ सकती है इसके लिए आर्थिक सुधार किये। उद्योग,व्यापार व आर्थिक उन्नति का ढांचा तैयार किया। सह संगठन मंत्री ने कहा कि संत स्वरूपा पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर साक्षात देवी थीं। संत