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अहिल्याबाई होल्कर सामाजिक परिवर्तन की वाहक रहीं: मनोज कुमार

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अहिल्याबाई होल्कर ने भारत में सांस्कृतिक एकता का परचम लहराया- डा. सुशील चन्द्र त्रिवेदी रिश्तों की सुगंध केवल भारत में ही मिलती है-डा.पवन पुत्र बादल  अखिल भारतीय साहित्य परिषद अवध प्रान्त की ओर से मंगलवार को हिन्दी संस्थान के मुंशी प्रेमचन्द सभागार में 'अहिल्या बाई होल्कर का जीवन दर्शन' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के बाद संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर सामाजिक परिवर्तन की वाहक रहीं। घुमंतू समाज को स्थापित किया। भीलों के लिए भील कौड़ी की शुरुआत की और उन्हें कृषि के लिए प्रेरित किया। युद्ध क्षेत्र में स्वयं जाकर सैनिकों का उत्साह बढ़ाती थी। महिलाओं की सेना का गठन किया। राज्य की आय कैसे बढ़ सकती है इसके लिए आर्थिक सुधार किये। उद्योग,व्यापार व आर्थिक उन्नति का ढांचा तैयार किया। सह संगठन मंत्री ने कहा कि संत स्वरूपा पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर साक्षात देवी थीं। संत

कवि देवमणि पांडेय को निराला सृजन सम्मान

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हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार 13 सितंबर 2024 को आईएनटी, आदित्य बिरला सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिंदी काव्य में विशिष्ट योगदान के लिए कवि देवमणि पांडेय को निराला सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रतिष्ठित उद्योगपति एवं संस्था की अध्यक्ष श्रीमती राजश्री बिरला ने सम्मान स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र एवं 51 हज़ार रूपये की धनराशि भेंट की। शायर विशाल बाग़ को दुष्यंत स्मृति सम्मान (21 हज़ार) से सम्मानित किया गया।  इस अवसर पर भारतीय विद्या भवन, केएम मुंशी मार्ग, चर्नी रोड, मुम्बई के सभागार में आयोजित मुशायरे में देवमणि पांडेय, विशाल बाग़, नवीन जोशी नवा, प्रज्ञा शर्मा, अश्विनी मित्तल ऐश और प्रथम परिश्रुत ने विविधरंगी ग़ज़लें सुनाईं।  सभागार में रचनाकार जगत से नवीन चतुर्वेदी, माधव नूर, सिद्धार्थ शांडिल्य, पूनम विश्वकर्मा, हरगोविंद विश्वकर्मा, उदयन ठक्कर एवं डॉ हेमेन शाह ने अपनी मौजूदगी से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। 

पथ

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  उस पथ पर चल पड़ा जहां मंजिल का पता नहीं मार्ग का पता नहीं पर चलने की हिम्मत पहाड़,नदी,पठार खाईयों की हो चाहे दरार कुछ खोने का न था कुछ पाने की दरकार क्या पाना चाहता था नहीं था उसका भी ज्ञान? मन में कुछ रिक्तता का था भान ! राह में बढ़ता गया आगे की ओर अतीत की पकड़े रहा सदा डोर माल से ज्यादा रहे हमेशा मूल्य लोग कहते रहे कर रह होे भूल जब समय आयेगा आपका प्रतिकूल तब पछताओगें कि मैने की है भूल! नहीं में पछता रहा,कायम है उसूल जिन्दगी सब को मिलते काटें-फूल। -सुरेन्द्र अग्निहोत्री

इतिहासकार प्रताप गोपेन्द्र के नाम हुआ ‘स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’- 2024

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  चित्तौड़गढ़।   साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा ‘स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ की घोषणा कर दी गई है। संभावना के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने बताया कि वर्ष 2024 के लिए ‘स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ प्रयागराज निवासी प्रसिद्ध लेखक प्रताप गोपेन्द्र को उनकी चर्चित कृति ‘चन्द्रशेखर आज़ाद : मिथक बनाम यथार्थ’ के लिए दिया जाएगा। व्यास ने बताया कि गोपेन्द्र ने इस पुस्तक में अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के जीवन के ज्ञान -अज्ञात अनेक पक्षों के आलोक में अध्ययन किया है जिससे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रन्तिकारी आज़ाद को नयी पीढ़ी और गहराई से जान समझ सकेगी। वाराणसी निवासी वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो काशीनाथ सिंह, जयपुर निवासी वरिष्ठ लेखक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल और धौलपुर निवासी इतिहासकार प्रो रचना मेहता की चयन समिति ने सर्व सम्मति से इस कृति को सम्मान के योग्य पाया। काशीनाथ सिंह ने वक्तव्य में कहा कि प्रताप गोपेन्द्र उन युवा लेखकों में हैं जो इतिहास और साहित्य में आवाजाही कर अपनी कृतियों को जनोपयोगी बना देते हैं। उन्होंने अपनी किताब में नये तथ्यों को जुटा

बज्जिका के सोलह संस्कार गीत पुस्तक पर हिन्दी दिवस पर विशेष छूट

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  बिहार की विरासत  लोक भाषा बज्जिका के सोलह संस्कार गीत पुस्तक लेखिका उषा श्रीवास्तव  द्वारा शोध पूर्ण सामग्री के साथ बिहार की  वैभवशाली विरासत भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक लोक भाषा बज्जिका  के संस्कार गीतों को ग्रामीणों से सुन-सुन कर संग्रह कर सभी पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला  है। यह पुस्तक बज्जिका  की धरोहर  सहित समस्त  विस्तृत जानकारी देने बाली पूर्ण  उपयोगी किताब है इस किताब में बज्जिकांचल के सोलह संस्कार गीतों  के साथ यहां से जुड़ी हर एक चीजों को बताया गया है। इस किताब को हर वर्ग के लोग पढ़ सकते है। हर छोटी बड़ी जानकारी आपकोे इस किताब में मिल जाऐगी।  देर न करे यह ऑफर सीमित समय के लिए है पुस्तक :  बज्जिका के सोलह संस्कार गीत  लेखक : उषा श्रीवास्तव  प्रकाशक: शतरंग प्रकाशन, एस-43, विकास दीप बिल्डिंग, द्वितीय तल, स्टेशन रोड, लखनऊ-226001 संपर्क:Mo: 8787093085,Email : ltp284403@gmail.com मूल्य :₹300                      हिन्दी दिवस पर विशेष छूट     250 रुपये पेटीएम न. 8787093085 पर करे तथा इसी नम्बर पर पता व्हाट्सएप करे रजि.डाक से पुस्तक प्राप्त करें । डाक खर्च फ्री बैंक एकाउंट में भ

मगध क्षेत्र की विरासत पुस्तक पर हिन्दी दिवस पर विशेष छूट

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  देर न करे यह ऑफर सीमित समय के लिए है  मगध क्षेत्र की विरासत यायावर लेखक सत्येन्द्र कुमार पाठक द्वारा शोध पूर्ण सामग्री के साथ मगध क्षेत्र की वैभवशाली विरासत भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक  नगरों में औरंगाबाद, नालंदा, पटना, जहानाबाद,गया, नवादा,उत्तरापथ, राजगीर सहित तंत्र स्थलों ,धार्मिक स्थलों  के सभी पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला  है। यह पुस्तक मगध क्षेत्र की की धरोहर  सहित समस्त  विस्तृत जानकारी देने बाली पूर्ण  उपयोगी किताब है इस किताब में मगध क्षेत्र  के नामकरण के साथ यहां से जुड़ी हर एक चीजों को बताया गया है। इस किताब को हर वर्ग के लोग पढ़ सकते है। जिसमें मगध क्षेत्र की  हर छोटी बड़ी जानकारी आपकोे इस किताब में मिल जाऐगी। पुस्तक :  मगध क्षेत्र की विरासत  लेखक : सत्येन्द्र कुमार पाठक प्रकाशक: शतरंग प्रकाशन, एस-43, विकास दीप बिल्डिंग, द्वितीय तल, स्टेशन रोड, लखनऊ-226001 संपर्क:Mo: 8787093085,Email : ltp284403@gmail.com मूल्य :₹550                      हिन्दी दिवस पर विशेष छूट     450 रुपये पेटीएम न. 8787093085 पर करे तथा इसी नम्बर पर पता व्हाट्सएप करे रजि.डाक से पुस्तक प्राप्त करें ।

गोड्डा गाथा और में पुस्तक पर हिन्दी दिवस पर विशेष छूट

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             देर न करे यह ऑफर सीमित समय के लिए है गोड्डा गाथा और में लेखक सर्वजीत झा 'अन्तेवासी' द्वारा शोध पूर्ण सामग्री के साथ गोड्डा की भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक मुगल काल, अंग्रेजों के काल के साथ मांझी प्रधानी प्रथा, आदि के साथ गोड्डा के सभी पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डालती है। यह पुस्तक गोड्डा  जिला की धरोहर  सहित समस्त  विस्तृत जानकारी देने बाली पूर्ण  उपयोगी किताब है इस किताब में गोड्डा के नामकरण के साथ गोड्डा के अनुमण्डल से जिला बनने और गोड्डा के वैधानिक गल्प से जुड़ी हर एक चीजों को बताया गया है। इस किताब को हर वर्ग के लोग पढ़ सकते है। जिसमें जिले के हर छोटी बड़ी जानकारी आपको 218 पेज के इस किताब में मिल जाएगा।   पुस्तक :  गोड्डा गाथा और में  लेखक : सर्वजीत झा 'अन्तेवासी'  प्रकाशक: शतरंग प्रकाशन, एस-43, विकास दीप बिल्डिंग, द्वितीय तल, स्टेशन रोड, लखनऊ-226001 संपर्क:Mo: 8787093085,Email : ltp284403@gmail.com मूल्य :₹400                     हिन्दी दिवस पर विशेष छूट    300 रुपये पेटीएम न. 8787093085 पर करे तथा इसी नम्बर पर पता व्हाट्सएप करे रजि.डाक से पुस्तक प्राप

हिंदी दिवस पर विशेष- हिंदी श्वासों के हर तार में तू

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श्वासों के हर तार में तू  हृदय के उद्गार में तू, व्याख्यान करूं क्या, हे!मातृभाषा , मेरी वाणी का प्राण है तू -2 आमजन की बोली में , अपना रूप सहज सरल कर, विश्व के पटल पर छा रही,  विकसित विराट रूप लेकर, जग में तूने अपनी एक , पहचान बना दी, देवनागरी लिपि तेरी , अपनी वैज्ञानिकी दिखा रही, मन के भावों को तू , सरसता से है दर्शाती, शब्दों की कटुता में भी , मिठास का आभास कराती, अमीर गरीब का भेद मिटाकर , अपना ममत्व सब पर लुटाती, हिंद के अस्तित्व में फर्ज़, तू खूब निभाती, भटकों को राह दिखाती, अंतर्मन में सुकून लाती, रूप तेरा अनंत अपार, अट्ठारह बोलियों का तुझमें समाहार, सिमट कर रह गई जहां, बहुत सी भाषाएं, वहां भी तू सबकी चहेती बन जाती, अंग्रेजी के आगे अपना,   परचम तू खूब लहराती , असीम ज्ञान का भंडार है तू, मेरी सभ्यता संस्कृति और पहचान है तू, व्याख्यान करूं क्या हे मातृभाषा, मेरी वाणी का प्राण है तू।।-2 -नैना कंसवाल सहसपुर,देहरादून (उत्तराखंड)

"हिन्दी हमारी मदर टंग है" ( व्यंग्य)

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                                                                  सुरेश "विचित्र"                 हिंदी दिवस पर भाषण देते हुए नेता जी कह रहे थे । हिंदी हमारी मदर टंग है । और मदर टंग के साथ न्याय करना हमारी ड्यूटी बनती है ..। लेकिन अभी तक हम लोग ऐसा नहीं कर सके हैं । क्योंकि अंग्रेजी बोलना हमारी मजबूरी हो गई है  । हमें अपने फ्यूचर को ध्यान में रखते हुये डिसीजन लेना पड़ता है । बात सच है । हमारा लड़का विदेश में पढ़ता है। किंतु हमने उसे अदर  सब्जेक्ट के रूप में हिंदी लेने का प्रेशर डाला । और उसने अदर सब्जेक्ट के रूप में हिंदी को सिलेक्ट किया।  चाहता तो किसी और विदेशी भाषा को सिलेक्ट कर  लेता,जैसे जर्मनी, जापानी ,चाइनीज, रसिया, फ्रांस , या कोई भी लैंग्वेज सेलेक्ट कर सकता था । किंतु मदर टंग हमारी हिंदी है । इसलिए मैंने उससे कहा कि बेटा तुम्हें मदर टंग के प्रति न्याय करना चाहिए । और मदर टंग को अदर लैंग्वेज के रूप में लेना चाहिए । हमें गर्व है कि हमारे बेटे ने अपनी मदर टंग को सिलेक्ट कर हमारी पोजिशन का ध्यान रखा ।               हमारे मित्र दुकानदार ने अपनी नई दुकान का उद्घाटन हिंदी द

एकलव्य समाज पार्टी का स्थापना दिवस

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लखनऊ, 13 सितंबर 2024 को एकलव्य समाज पार्टी का स्थापना दिवस मनाने के लिए ओ0सी0आर बिल्डिंग विधायक निवास 3 लखनऊ में पार्टी के सभी कार्यकर्ता एकत्रित हुए हजारों की संख्या में आए अन्य जिलों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी ने पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय जूठन राम निषाद को सदभाव से पुष्प अर्पित करते हुए अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर निषाद के साथ संकल्प लिया कि जो समाज का मुद्दा निषाद आरक्षण पार्टी लेकर चली थी  वहां मुद्दा जब तक पूरा नहीं हो जाता तब तक पार्टी आखिरी सांस तक संघर्ष करते हुए जन आंदोलन जारी रखेगी देश-प्रदेश की अभी तक जितनी भी सरकारे चाहे सपा,कांग्रेस ,बसपा रही वे सभी पार्टियों ने निषाद समाज के मुख्य मुद्दा निषाद आरक्षण पर ध्यान नहीं दिया सिर्फ निषाद समाज को‌ बरगलाने व‌ प्रलोभन देने व झूठी आशा के शिवाय कोई कार्य नहीं किया निषाद समाज के जो भी नेता अभी तक हुए केवल मंत्री पद आने तक ही समाज का मुद्दा लेकर चले और मंत्री पद पाते ही समाज के मुद्दे को दरकिनार कर अपने घर की तिजोरिया भरने लगे ऐसी स्थिति में एकलव्य समाज पार्टी अपने मुद्दे से कभी नहीं भटकी जन आंदोलन जारी रखते हुए जब