गृह जनपद के 31,000 तथा अन्य जनपद के 6,000 श्रमिकों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन से होम क्वारेंटाइन में भेजा गया - अवनीश कुमार अवस्थी

लखनऊ: 16 अप्रैल, 2020 

 

अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये है कि लाॅकडाउन का हरहाल में सख्ती से अनुपालन कराया जाये। उन्होंने कहा कि पुलिस, स्वास्थ्य कर्मी तथा स्वच्छता कर्मियों को क्षति पहुंचाने वालों के विरुद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एन0एस0ए0) तथा आई0पी0सी0 की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हेल्थ टीम के साथ पुलिस कर्मी भी तैनात रहें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाये कि जनता को आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध हो। इसके दृष्टिगत होम डिलीवरी की व्यवस्था को तेज करते हुए सप्लाई चेन को बनाये रखा जाये। सभी जरूरतमन्दों को तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए, जो लोग किसी खाद्यान्न योजना से आच्छादित नहीं हैं, ऐसे लोगों को भी खाद्यान्न के साथ ही 1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया जाए। कम्युनिटी किचन व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जाए। फूड पैकेट के वितरण कार्य में प्रमाणित लोग ही रखे जाएं। कोई भी संदिग्ध व्यक्ति इस कार्य में न लगाया जाए। उन्होंने जनपद पीलीभीत के कोरोना मुक्त होने पर संतोष जताया है।    

श्री अवस्थी ने बताया कि हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर, आवागमन को पूरी सख्ती से प्रतिबंधित किये जाने के निर्देश दिये गये है। हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों के बफरजोन (हाॅट स्पाॅट से जुड़े हुए क्षेत्र) में भी सेनेटाइजेशन एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनेटाइजेशन, सफाई कर्मी एवं डोर स्टेप डिलीवरी टीमों को ही आवागमन की अनुमति दी जाये। हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में घर-घर सेनेटाइजेशन कराया जाये। कोरोना वायरस के संक्रमण को छुपाने एवं जानबूझकर न बताने वाले लोगों को चिन्हित कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। ऐसे लोगों को प्रश्रय देने वालों और उनकी तलाशी में लापरवाही बरतने वाले सम्बंधित क्षेत्र के थानेदारों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जायेगी।

श्री अवस्थी ने बताया कि इमरजेन्सी चिकित्सा सेवाएं सक्षम स्तर से अनुमति के पश्चात ही प्रत्येक जनपद के चिन्हित अस्पतालों में संचालित होंगी। इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को प्राथमिकता पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन न किया जाए। यह सुनिश्चित करना सम्बन्धित जिला प्रशासन का दायित्व होगा कि जिन चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ की संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध उपलब्ध हों और डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्साकर्मी प्रशिक्षित हों, वहीं इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन अनुमन्य होगा। सभी अस्पतालों में एन-95 मास्क, पी0पी0ई0 सहित संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। टेलीमेडिसिन के माध्यम से लोगों को टेली कन्सलटेन्सी अर्थात चिकित्सीय परामर्श सुविधा उपलब्ध कराई जाए। पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार निराश्रित गोवंश एवं अन्य पशुओं का उपचार कराया जाए। निराश्रित गोवंश एवं अन्य पशुओं के भोजन आदि का समुचित प्रबन्ध सुनिश्चित किया जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि अस्पताल अथवा संस्थागत क्वारेन्टाइन की अवधि पूरी करने के पश्चात होम क्वारेन्टाइन हेतु घर भेजे जा रहे सभी लोगों की, अपर मुख्य सचिव राजस्व से सूची प्राप्त कर ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076’ के माध्यम से नियमित माॅनिटरिंग की जायेगी। उन्होंने बताया कि गृह जनपद के 31,000 तथा अन्य जनपद के 6,000 श्रमिकों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन से होम क्वारेंटाइन में भेजा गया है। प्रदेश में मण्डी तथा बाजार आदि में सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही सभी मण्डियों के खुलने के समय सेनिटाइजेशन का कार्य नियमित तौर पर कराया जाये। गेहूं क्रय केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीद न हो। उन्होंने बताया कि निर्देशित किया गया है कि विभिन्न प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेशवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी प्रत्येक फोन काॅल को अटेन्ड करें। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सचेत एवं संवेदनशील रहें। सम्बन्धित राज्य सरकार के नियमित सम्पर्क में रहते हुए विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेशवासियों की दिक्कतों को दूर कराएं।

श्री अवस्थी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान आगामी 20 अप्रैल, 2020 से भारत सरकार के आदेशानुसार विभिन्न गतिवधियों का संचालन अनुमन्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देशित किया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों को अधिकारीगण गम्भीरता से पढ़ लें तथा अपनी कार्ययोजना तैयार करे। प्रदेश में प्रारम्भ किए जाने वाले कार्यों तथा गतिविधियों के सम्बन्ध में सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। प्रत्येक यूनिट की सावधानियां तय की जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि थर्मल स्कैनर तथा सेनेटाइजर आदि पर्याप्त उपलब्धता रहे। अनुमन्य की जाने वालीं विभिन्न गतिविधियों के सम्बन्ध में शासनादेश तत्काल जारी किया जाए। शासनादेश में सभी सावधानियों का स्पष्ट तौर पर उल्लेख अवश्य किया जाए। हर हाल में सोशल डिस्टंेसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए।  

श्री अवस्थी ने बताया कि प्रथम चरण में 178 हाॅट स्पाॅट चिन्हित करके कार्यवाही की गई है। अब तक 1,79,693 मकान चिन्हित करते हुए 10,92,312 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। इन हाॅट स्पाॅट क्षेत्र में 526 कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति मिले हैं एवं 3529 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों में से 3474 व्यक्तियों को संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा गया है। द्वितीय चरण में 84 हाॅट स्पाॅट चिन्हित करके कार्यवाही की गई है। अब तक 2,10,261 मकान चिन्हित करते हुए 12,55,471 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। इन हाॅट स्पाॅट क्षेत्र में 128 कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति हैं, जबकि 1822 लोग क्वारेंटाइन में रखे गये हैं। तृतीय चरण में 07 हाॅट स्पाॅट चिन्हित करके कार्यवाही की गई है। अब तक 4009 मकान चिन्हित करते हुए 30,692 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। इन हाॅट स्पाॅट क्षेत्र में 13 कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति हैं, जबकि 101 लोग क्वारेंटाइन में रखे गये हैं। प्रदेश के हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में रह रहे लोगों को 1539 डोर स्टेप डिलिवरी मिल्क बूथ एवं मैन के द्वारा दूध वितरित किया जा रहा है। फल एवं सब्जी वितरण के लिए कुल 4112 वाहन लगाये गये हैं इन क्षेत्रों में 3233 व्यक्तियों एवं 2618 प्रोविजनल स्टोर के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है। हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों के लिए 158 सामुदायिक किचन संचालित हैं।

श्री अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 19,488 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक 17,77,575 वाहनांे की सघन चेकिंग में 23,873 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 7,70,42,506 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 1,57,281 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 534 लोगों के खिलाफ 424 एफआईआर दर्ज करते हुए 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार फेक न्यूज पर कड़ाई से नजर रख रही है। फेक न्यूज के तहत अब तक 346 मामलों का संज्ञान में लेते हुए साइबर सेल को सूचित किया गया है जो जांच के बाद कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।  

श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में 678 सरकारी तथा 1363 स्वैच्छिक कम्यूनिटी किचन के माध्यम से 12,32,566 लोगों को फूड पैकेट्स वितरित किये गये हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रदेश में प्रचलित कुल 3,55,27,928 राशन कार्डों के सापेक्ष 46,31,930 कार्डों पर 100089.24 मी0टन खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया। प्रदेश में डोर-स्टेप-डिलीवरी व्यवस्था के अन्तर्गत 19,309 किराना स्टोर क्रियाशील हैं, जिनके माध्यम से 48,819 डिलीवरी मैन आवश्यक सामग्री निरंतर पहुंचा रहे हैं। फल एवं सब्जी वितरण व्यवस्था के अन्तर्गत कुल 45,668 वाहनों की व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में कुल 53.73 लाख लीटर दूध उपार्जन के सापेक्ष 34.40 लाख लीटर दूध का वितरण 20,539 डिलीवरी वैन के माध्यम से किया गया है। 

श्री अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े 13.29 लाख श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रूपए की धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से भेजी गई है। इसके अतिरिक्त नगरीय क्षेत्र के 5.57 लाख श्रमिकों एवं ग्रामीण क्षेत्र के 4.72 लाख निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की 35,731 फैक्ट्री से सम्पर्क किया गया, जिनमें 34,075 द्वारा अपने श्रमिकों को वेतन का वितरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 6250 औद्योगिक इकाईयां चालू हो गई हैं। 

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पूल टेस्टिंग प्रारम्भ हो गयी है और पूल टेस्टिंग करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है।  इसके अन्तर्गत आगरा जनपद में 5-5 सैम्पल के 30 पूल बनाकर 150 सैम्पल्स की जांच की गयी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है। अब तक प्रदेश के 48 जिलों से 773 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं इनमें से 68 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 14 टेस्टिंग लैब क्रियाशील हंै। प्रदेश में अब प्रतिदिन 2,000 से अधिक सैम्पल टेस्ट किये जा रहे हैं, कल 2,615 सैम्पल टेस्ट किये गये हैं, जबकि 3000 से अधिक सैम्पल टेस्टिंग हेतु भेजे गये। अब तक 20,292 लोगों का टेस्ट किया गया जिसमें से 19,519 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु का चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ‘डेथ आॅडिट’ कराया जायेगा। डेथ आॅडिट से मृतक की केस हिस्ट्री का अध्ययन कर भविष्य के इलाज में सुविधा मिलेगी। 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?